TTN 24 न्यूज़ की खबर का असर, विष्णुपुर जलाशय से हटा दबंगों का कब्ज़ा, पिछले कई दिनों से विवादों में घिरा हुआ था जलाशय
पखांजूर: विष्णुपुर जलाशय से हटा दबंगों का कब्ज़ा नई दुनिया समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद विष्णुपुर पंचायत में स्थित लघु जलाशय से दबंगों का अवैध कब्जा हटा लिया गया है। यह जलाशय पीवी 99 और 101 गांवों के बीच स्थित है और पिछले कई दिनों से विवादों में घिरा हुआ था।विष्णुपुर पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि गांव के कुछ दबंग व्यक्ति, जिनमें दिलीप विश्वास, शुभ विनय मंडल, सुकरंजन वैद्य और सुबोध अरिंदा शामिल थे, उन्होंने लघु जलाशय के बांध, जल निकासी द्वार और नहर पर अवैध रूप से जालियां लगा रखी थीं। इन दबंगों का दावा था कि उन्हें मत्स्य सहकारी समिति के नाम पर तालाब का लीज मिला हुआ है और वे कई सालों से इसका फायदा उठा रहे थे।
ग्रामीणों के अनुसार, मत्स्यखोट (मछली पकड़ने) से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग मत्स्य बीज और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए किया जाता था। हालांकि, 15 जून 2025 से मत्स्यखोट पर प्रतिबंध होने के कारण यह कार्य संभव नहीं हो पाया। ग्राम पंचायत विष्णुपुर को मछली बेचकर राशि समिति के खाते में जमा करने का निर्देश मिला था, लेकिन समय की कमी के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो पाया, जिससे समिति परिसमापन में चली गई। इसकी जिम्मेदारी परिसमापक अधिकारी रवि पंसारी को सौंपी गई थी।
इसके बावजूद, ग्रामीणों का आरोप था कि उक्त चारों व्यक्तियों ने बिना किसी अनुमति के जलाशय पर जालियां लगा दी थीं, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी थी और वे सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
जब इस संबंध में परिसमापक अधिकारी रवि पंसारी से संपर्क किया गया था, तो उन्होंने स्पष्ट किया था कि जलाशय के बांध, द्वार या नहर में जाली लगाना एक कानूनी अपराध है और उन्होंने सभी को ऐसा करने से मना किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि ऐसा पाया जाता है, तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नईदुनिया 14 जुलाई के अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद, प्रशासन की सक्रियता और जन दबाव के कारण दबंगों को अपना अवैध कब्जा हटाने पर मजबूर होना पड़ा। इस कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीणों में संतोष है और यह स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।