क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*नबीगंज की सड़कों ने खोल दी विकास के दावों की पोल, जनता बेहाल**जनता मांगे जवाब सांसद निधि, विधायक निधि, नगर पालिका परिषद ने कहां खर्च किया पैसा, समस्या जस की तस*
बाराबंकी। शहर के दिल में बसे नबीगंज मोहल्ले की टूटी-फूटी सड़कें नगर निकायों और जनप्रतिनिधियों के विकास के तमाम दावों की हकीकत बयां कर रही हैं। सांसद निधि, विधायक निधि या नगर पालिका परिषद–कागजों में विकास के आंकड़े जरूर चमकाए गए हैं, मगर जमीनी हालात मोहल्लेवासियों के लिए रोज़ाना की मुश्किल का सबब बने हुए हैं। शहर के राहतनगर, निकट नबीगंज, तहसील नवाबगंज के निवासियों–मो0 असद खान, इरशाद, मो0 रिजवान, मो0 शाकिब हाफिज, अतीक, फिरोज, अब्दुल हाफिज–ने बताया कि हल्की बारिश में भी सड़कें दलदल में तब्दील हो जाती हैं। बुजुर्गों और बीमारों को अस्पताल ले जाना जानलेवा चुनौती बन गया है। कई बार शिकायतों के बावजूद न तो नगर पालिका परिषद और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने सुध ली है।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चुनाव के वक्त वादों की झड़ी लगाने वाले नेता जीत के बाद पांच साल तक गायब रहते हैं। अधिकारी भी आंखें मूंदे बैठे हैं और जनता की पीड़ा से बेखबर सिर्फ तनख्वाहें उठा रहे हैं। शहर के बीच बसे नबीगंज की हालत यह सवाल उठाती है कि करोड़ों की निधि आखिर कहां खर्च हो रही है? मोहल्लेवासियों ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी से जल्द से जल्द सड़क मरम्मत और जलनिकासी की उचित व्यवस्था कराने की अपील की है। नागरिकों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में इस रास्ते से निकलना बच्चों-बुजुर्गों के लिए और भी खतरनाक हो सकता है। जनता का भरोसा तभी लौटेगा जब जिम्मेदार अधिकारी और निर्वाचित प्रतिनिधि विकास के दावों को धरातल पर उतारेंगे, न कि सिर्फ पत्थरों पर शिलापट्ट लगाने तक सीमित रहेंगे। मोहल्लेवासियों ने बताया अब आखरी उम्मीद ईमानदार जिलाधिकारी बाराबंकी शशांक त्रिपाठी से हैं?