शिक्षकों की हड़ताल से प्रदेशभर के स्कूलों में ठप हुई पढ़ाई: कोयलीबेड़ा में साझा मंच का धरना।
संवाददाता/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
1 जुलाई 2025 - छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंडों में आज शिक्षकों ने एक बार फिर जोरदार हड़ताल की। सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की, जिससे विद्यालयों में पढ़ाई पूरी तरह ठप रही। इसी क्रम में विकासखंड कोयलीबेड़ा के सभी प्रमुख शिक्षक संगठन "शिक्षक साझा मंच" के बैनर तले पखांजूर स्थित तहसील कार्यालय के सामने कर्मचारी समिति के डोम पंडाल में एक दिवसीय धरने पर बैठे।धरना प्रदर्शन की समाप्ति के बाद, शिक्षकों ने रैली निकालकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी पखांजूर को सौंपा। साझा मंच के संचालकों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों पर विस्तार से बात की और सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए आंदोलन को जारी रखने की बात कही।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
शिक्षक साझा मंच की चार सूत्रीय मांगें इस प्रकार हैं। विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण रद्द हो और 2008 का सेटअप लागू किया जाए: शिक्षकों ने वर्तमान में चल रहे युक्तियुक्तकरण को रद्द करने और 2008 के सेटअप के तहत विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था करने की मांग की। साथ ही, युक्तियुक्तकरण में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी मांग की गई है।
सोना साहू प्रकरण के आधार पर क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान मिले: शिक्षिका सोना साहू के तर्ज पर सभी पात्र शिक्षकों और शिक्षिकाओं को एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान प्रदान करने का सामान्य आदेश जारी करने की मांग की गई है।
शिक्षक पदोन्नति में बी.एड. की अनिवार्यता शिथिल की जाए: साझा मंच ने डी.एड. योग्यताधारी शिक्षकों को भी व्याख्याता एवं प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति देने की मांग की है।
प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता गणना कर पूर्ण पेंशन मिले: शिक्षकों ने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित संपूर्ण लाभ प्रदान करने की मांग की है।
युक्तियुक्तकरण में खामियां और शिक्षकों की चेतावनी
साझा मंच के संचालकों ने बताया कि वर्तमान युक्तियुक्तकरण में 2008 के सेटअप का पालन नहीं किया गया है, जिसमें कई खामियां हैं। प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों की संख्या 3 से घटाकर 2 कर दी गई है, और मिडिल, हाई तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी एक-एक शिक्षकों की कटौती की गई है। इस प्रकार, प्रदेश के स्कूलों में लगभग 57,000 शिक्षकों के पदों को समाप्त कर दिया गया है और हजारों पुरानी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
साझा मंच के संयोजक मंडल ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगों और हड़ताल को हल्के में लेती है, तो प्रदेशभर के समस्त स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
धरने में शामिल प्रमुख लोग
आज के इस धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक साथी उपस्थित थे, जिनमें भोला प्रसाद, प्रकाश चौधरी, कृष्णेन्दु आईच, प्रकाश कांगे, गणेश दास, रंजीत कर, अशोक मृधा, बलविंदर कौर, लालमन पटेल, गौतम मंडल, वरुण कीर्तनिया, सुनील मंडल, निमाई पाल, कृष्ण पाल राणा, राजकुमार साक्षी, अजीत ठाकुर, चंदूलाल साहू, लोकेश्वर साहू, खेलू राम ध्रुव, भुवनेश्वर सिन्हा, पिंकी ठाकुर, नारायण पटेल, विभूति भूषण कुंडू, सुमा मंडल, लता बघेल, रीना तारम, जगदीश चक्रवर्ती, ईश्वरी साहू, प्रीति मानकर, खिलेश्वरी सिवान, अनीता पटेल, भारती सोम, दीपा पटेल, अलका कोषमा, रूपा मरकाम और संजू कर प्रमुख रहे।