रेहान ख़ान रिपोर्टर फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश
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शिया समुदाय ने 7वीं मोहर्रम को निकाला मातमी जुलूस:सुन्नी समुदाय के लोग ढोल नगाड़ों के साथ नाल उठा कर पूरे शहर में नजर आएमोहर्रम की सातवीं तारीख में शिया सुन्नी मुसलमानों ने जुलूस निकला वही शियो का जुलूस सुबह 9;30 बजे मेहंदी बाग ठंडी सड़क से उठ कर शहर फर्रुखाबाद से निकला।
मोहर्रम हुसैन की याद में अलम का जुलूस निकला जिसमे शहर के सभी समुदाय के लोग शामिल हुए। और लंगर किया गया। शिया समुदाय के लोग शहर में मातम करते हुए निकले जिसमे बच्चे बूढ़े सभी शामिल थे। जिनका मकसद लोगो को हुसैन की याद दिलाना था। जुलूस शहर
के नेतृत्व सदाकत हुसैन सैंथली से मेहंदी बाग होता हुआ। घेरशामू खा के रास्ते रात को स्थित शियो के मेहंदी बाग इमामबाड़े पहुंचा और सुनहरी मस्ज़िद इमामे जुम्मा मौलाना मोहम्मद अब्बास ने मजलिस का आयोजन हुआ l इस मौके पर नवाब खावर वक्त, मुतवल्ली कर्बला मेहंदी बाग ,शादाब जैदी, असलम ईरानी, मुावल्ली अकरम ईरानी, एजाज अली, गुलाम अली, आफताब हुसैन,, सैफ हुसैन, अम्मार अली जैदी, मौलाना फरहत अली जैदी,आदि सुन्नी सामुदायिक लोगों ने सातवीं मोहर्रम पर निकला अलम का जुलूसफर्रुखाबाद: सातवीं मोहर्रम पर बृहस्पतिवार को खटकपुरा से शहर के मोहल्लों में अलम का जुलूस निकला। आरिश पुत्र इश्तियाक चौधरी मोहल्ला ख़टकपुरा इज्जत खा निवास से सुबह 9:00 बजे 11 अलम निकलते हैं । खटकपुरा इमाम की चौकी,तलैया फजल इमाम,मांदारबाड़ी बुरा वाली गली घेरशामु खां, गढ़ी कोना बजरिया भाऊ टोला कटरा बक्शी शमशेर खानी भीकामपुरा, बहादुरगंज तन्हाई, सूफी खा, चीनीग्रान, छोटे बड़े साहब की दरगाह, गढ़ी अब्दुल मजीद खां, मनिहारी, घोड़ा नखास, बड़ा बंगशपुरा छावनी,इस दौरान नगाड़े भी बजे। फातिहा पढ़ा गया।
इमाम हुसैन को बड़े अदब के साथ याद किया गया।
शहर के खटकपुरा में सातवीं जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। रास्ते भर नगाड़ों की गूंज करते रहे।
जगह-जगह जलपान के इंतजाम किए गए थे। मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर अकीदतमंदों की सेवा करते दिखे।
यह जुलूस बृहस्पतिवार को सुबह 9:00 बजे ख़टकपूरा इज्जत खां निकलते हैं पूरे शहर की गलियों में होकर । उसके बाद रात 12:00 वापस आते हैं। इस मौके पर नदीम अंसारी, तौफीक खान,गुलदेश खान , फिरोज खान उर्फ बंटू, यूसुफ , शमशाद अंसारी, बब्बन अंसारी, शरिफ अंसारी, कय्यूम अंसारी, छोटे अंसारी, आदि सैकड़ो लोगों रहे मौजूद l
बच्चों की चहलकदमी रास्ते भर रही। युवा, बुजुर्ग सभी पूरे जोश में हुसैन की वीरता को याद करते रहे।
इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही। मुस्लिम समुदाय के लोग हसन-हुसैन की याद में सातवीं मोहर्रम का जुलूस निकले।
यह परंपरा लगभग डेढ़ सौ साल पुरानी है । शहर के लोग भी जुलूस में बढ़चढ़कर हिस्सा लिए। ढोल, तासा और झांझ बजाए गए। जुलूस
में गया। यहां फातिहा खानी के बाद अकीदत मंदों को शरबत पिलाया गया। वापस ख़टकपुरा इज्जत खान पहुंच कर जुलूस खत्म हुआ। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस भी तैनात रही।