आदिवासी छात्र युवा संगठन पखांजूर ने मनाई रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि।
संवाददाता/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
आदिवासी छात्र युवा संगठन पखांजूर ने आज वीरांगना रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि मनाई। इस अवसर पर संगठन के सदस्यों ने रानी दुर्गावती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए और "रानी दुर्गावती अमर रहे" के नारे लगाए।अध्यक्ष राजेश नुरुटी ने इस अवसर पर रानी दुर्गावती के शौर्य और बलिदान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती के पति दलपत शाह मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र के गढ़मंडला राज्य के शासक थे। शादी के केवल चार साल बाद ही राजा दलपत शाह का निधन हो गया, जिसके बाद रानी दुर्गावती ने कुशलतापूर्वक राज्य की बागडोर संभाली। जब मुगलों की कुदृष्टि इस राज्य पर पड़ी, तो रानी दुर्गावती ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अंत तक संघर्ष किया और अंततः वीरगति को प्राप्त हुईं। रानी दुर्गावती के वीरता हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
इस अवसर पर संगठन के पूर्व प्रदेश महामंत्री विनोद कुमेटी और सभा अध्यक्ष सुभाशीष शाना ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती ने कई लड़ाइयाँ अत्यंत वीरता के साथ लड़ीं और शत्रुओं को खदेड़ा। हालांकि, मुगलों की विशाल सैन्य शक्ति के सामने जब उन्हें हार निश्चित दिखी, तो उन्होंने घुटने टेकने के बजाय 24 जून, 1564 को युद्ध के मैदान में स्वयं को चाकू मारकर बलिदान दे दिया।
इस कार्यक्रम में राजेश नुरुटी, विनोद कुमेटी, गीता दुग्गा, छबीला दुग्गा, संजय सलाम, नवीन उईके, रितेश दुग्गा, सुभाशीष शाना और रामेन सरकार सहित कई सदस्य उपस्थित थे।