लोकेशन बोकारो से नेशनल हैड अधिवक्ता राजेश कुमार की कलम से
शीर्षक। बोकारो एयरपोर्ट की सुरक्षा: चुनौतियां और संभावनाएंहाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने भारत के विमानन क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को फिर से उजागर किया है।इस दुर्घटना ने न केवल एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन की खामियों को सामने लाया, बल्कि हवाई अड्डों के आसपास की अनियंत्रित बस्तियों और गतिविधियों पर भी सवाल उठाए। बोकारो एयरपोर्ट, जो झारखंड का एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय हवाई अड्डा है, भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस निबंध में बोकारो एयरपोर्ट की सुरक्षा स्थिति, इसके आसपास की समस्याओं, और घरेलू उड़ानों के लिए इसकी उपयुक्तता का विश्लेषण किया जाएगा, खासकर अहमदाबाद दुर्घटना के संदर्भ में। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि क्या बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान भरना सुरक्षित है या यह एक जोखिम भरा निर्णय हो सकता है।बोकारो एयरपोर्ट का परिचयबोकारो एयरपोर्ट, जिसे बोकारो स्टील सिटी के नाम से भी जाना जाता है,
झारखंड के बोकारो जिले में स्थित एक छोटा हवाई अड्डा है। यह मुख्य रूप से घरेलू उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के वर्षों में, भारत सरकार की उदान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत इसे विकसित करने के प्रयास किए गए हैं। हालांकि, हाल के एक ट्वीट के अनुसार, बोकारो एयरपोर्ट के आसपास कई समस्याएं मौजूद हैं, जैसे झोपड़ियां, मीट और मुर्गा की दुकानें, सब्जी बाजार, गंदगी, और पास में पेट्रोल पंप का होना। ये सभी कारक हवाई सुरक्षा के लिए संभावित खतरे पैदा करते हैं।अहमदाबाद दुर्घटना और सुरक्षा चिंताएंअहमदाबाद में 13 जून 2025 को हुई विमान दुर्घटना, जिसमें एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, ने विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, और यह भारत के विमानन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बन गया। जांच में सामने आया कि हवाई अड्डे के आसपास अनियंत्रित बस्तियां, मछली और मांस की दुकानें, और बर्ड हिट की आशंका जैसे कारक दुर्घटना के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। बोकारो एयरपोर्ट के आसपास भी ऐसी ही परिस्थितियां मौजूद हैं, जो इसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील बनाती हैं।बोकारो एयरपोर्ट की सुरक्षा चुनौतियांआसपास की अनियंत्रित बस्तियां और दुकानें: बोकारो एयरपोर्ट के आसपास झोपड़ियां, मीट और मुर्गा की दुकानें, और सब्जी बाजार होने की जानकारी मिली है। ये दुकानें और बस्तियां कचरा और अपशिष्ट उत्पन्न करती हैं, जो पक्षियों को आकर्षित कर सकती हैं। पक्षी टकराव (बर्ड हिट) विमान दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है, जैसा कि रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के संदर्भ में भी देखा गया है।
गंदगी और स्वच्छता की कमी: एयरपोर्ट के आसपास गंदगी का होना न केवल पक्षियों को आकर्षित करता है, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी पैदा करता है। यह हवाई अड्डे के परिचालन को प्रभावित कर सकता है और आपातकालीन स्थिति में बचाव कार्यों को जटिल बना सकता है।पेट्रोल पंप की निकटता: एयरपोर्ट के पास पेट्रोल पंप का होना एक गंभीर खतरा है। विमान दुर्घटना की स्थिति में, ईंधन भंडारण स्थल पर आग लगने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे हादसा और भी विनाशकारी हो सकता है। अहमदाबाद हादसे में रिहायशी इलाके में विमान के गिरने से हुए नुकसान ने इस खतरे को और स्पष्ट किया है।बुनियादी ढांचे की कमी: बोकारो एयरपोर्ट एक क्षेत्रीय हवाई अड्डा है, और इसकी सुविधाएं बड़े मेट्रो शहरों के हवाई अड्डों की तुलना में सीमित हैं। हाल के एक ट्वीट में उल्लेख किया गया है कि वॉच टावर निर्माण, फ्लैश लाइट अधिष्ठापन, और झाड़ियों की सफाई जैसे कार्य अभी प्रगति पर हैं। इन सुधारों के पूरा होने तक, हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह प्रभावी नहीं मानी जा सकती।सुधार के प्रयास और संभावनाएंबोकारो जिला प्रशासन ने हाल ही में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। ट्वीट के अनुसार, निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:वॉच टावर निर्माण: निगरानी बढ़ाने के लिए वॉच टावर बनाए जा रहे हैं, जो पक्षी गतिविधियों और अन्य खतरों पर नजर रखने में मदद करेंगे।फ्लैश लाइट अधिष्ठापन: रात के समय उड़ानों की सुरक्षा के लिए फ्लैश लाइट्स स्थापित की जा रही हैं।मीट शॉप शिफ्टिंग और झाड़ियों की सफाई: पक्षी टकराव के जोखिम को कम करने के लिए मीट की दुकानों को हटाने और झाड़ियों की सफाई का कार्य शुरू किया गया है।आधारभूत संरचना को गति: हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।ये कदम निश्चित रूप से सकारात्मक हैं, लेकिन इनके पूर्ण कार्यान्वयन में समय लगेगा। जब तक ये सुधार पूरे नहीं हो जाते, बोकारो एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानें पूरी तरह सुरक्षित नहीं मानी जा सकतीं।क्या बोकारो से घरेलू उड़ान सुरक्षित है?अहमदाबाद दुर्घटना के बाद, बोकारो एयरपोर्ट से घरेलू उड़ान भरने की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। वर्तमान में, एयरपोर्ट के आसपास की परिस्थितियां—जैसे झोपड़ियां, गंदगी, और पेट्रोल पंप—सुरक्षा जोखिमों को बढ़ाती हैं। पक्षी टकराव का खतरा और सीमित बुनियादी ढांचा भी चिंता का विषय है। हालांकि, प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदम आशा की किरण दिखाते हैं। यदि ये सुधार समय पर और प्रभावी ढंग से लागू किए जाते हैं, तो बोकारो एयरपोर्ट भविष्य में सुरक्षित उड़ानों के लिए उपयुक्त हो सकता है।निष्कर्षबोकारो एयरपोर्ट की वर्तमान स्थिति और अहमदाबाद दुर्घटना के संदर्भ में, यह कहा जा सकता है कि अभी इस हवाई अड्डे से घरेलू उड़ानें पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। आसपास की झोपड़ियां, गंदगी, और पेट्रोल पंप जैसे खतरे हवाई सुरक्षा के लिए चुनौती बने हुए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों द्वारा किए जा रहे सुधार कार्य इस दिशा में सकारात्मक कदम हैं। जब तक ये सुधार पूरे नहीं हो जाते और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन नहीं किया जाता, यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए। बोकारो एयरपोर्ट का सपना—क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना—तब तक अधूरा रहेगा, जब तक कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी जाती।अहमदाबाद जैसी दुर्घटना से सबक लेते हुए, बोकारो एयरपोर्ट को न केवल बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि आसपास के क्षेत्रों को नियंत्रित और स्वच्छ रखने के लिए भी कड़े कदम उठाने चाहिए। तभी यह हवाई अड्डा न केवल बोकारो के लोगों के लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन केंद्र बन सकता है।