*रोकथाम उपचार से बेहतर है: मुख्य चिकित्सा अधिकारी*
*संवाददाता समर्थ कुमार सक्सेना*
लखनऊ। डायरिया प्रबंधन को लेकर आयोजित एक कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह ने कहा कि डायरिया से बचाव संभव है और कुछ बातों का ध्यान रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोकथाम उपचार से बेहतर है, खासकर बारिश के मौसम में जब इसके मामले बढ़ जाते हैं।*डायरिया प्रबंधन पर प्रशिक्षण*
कार्यशाला में रानी अवंतिबाई जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने बताया कि डायरिया थोड़ी सी असावधानी से जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि समुदाय में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है कि डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक की गोली दें और बच्चे को पास के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं।
*डायरिया से बचाव के उपाय*
डॉ. सलमान ने बताया कि डायरिया होने का मुख्य कारण साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल का अभाव है। उन्होंने बताया कि बच्चे को साफ पानी पिलाने के लिए साफ बर्तन में दें, खाना बच्चे को साफ कटोरी चम्मच से खिलाएं, और बासी खाना, बाहर का खाना बिना धुले फल या कच्ची सब्जियां बच्चे को खाने को न दें।
*ओआरएस और जिंक की गोलियों का महत्व*
डॉ. सलमान ने बताया कि ओआरएस और जिंक की गोलियां स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि डायरिया होने पर ओआरएस के साथ खाना जरूर खिलाएं और बच्चे को रोटा वायरस का टीका जरूर लगवाएं।
*कार्यशाला में मौजूद रहे अधिकारी*
कार्यशाला में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ. एम.एच. सिद्दीकी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।