* *अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एवं विश्व संगीत दिवस तन, मन और समाज के लिए समर्पित दिन*
*रिपोर्ट -उत्तम बनिक पखांजूर*
21 जून विशेष 11वीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्राचार्य जी.आर चुरेन्द् के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ओर महाराष्ट्र राज्य के (अंतिम छोर) अति संवेदनशील अंदरुनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ईरपानार मे योग अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित योग शिविर में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के साथ योग किया। इस कार्यक्रम का आयोजन बच्चों को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया।योग तन को, संगीत मन को, ओर सेवा आत्मा को शुद्ध करता है! आज का दिन सिर्फ आसान और सूरों का नहीं, बल्कि एक संतुलित, सशक्त और संवेदनशील जीवन का संदेश देता है बताया गया कि योग के माध्यम से शरीर के सामंजस्य को ठीक रखा जा सकता हैं। कार्यक्रम की शुरूआत ऊं व गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हुई। उसके बाद शिक्षकों ने बच्चों को विभिन्न आसन व प्राणायामों के बारे में व उनसे होनेवाले लाभ के बारे में बताया। विद्यालय के प्राचार्य जी आर चुरेन्द् ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बच्चों को योग के बारे में विस्तार से बताया तथा योग से होने वाले शारीरिक,मानसिक एवं आत्मिक फायदों को गिनाया और कहा की योग भारत की सांस्कृतिक विरासत का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। यह हमारे शरीर,मन एवं आत्मा के बीच सामंजस्य बनाता है। इस मौके पर प्राचार्य जी.आर चुरेन्द्,सिया राम धुर्व,पोषण लाल भुआर्य,गजेंद्र तारम,सरोज विस्वास,हरिवंश कोशाम,ध्रित लहरे,मरकाम,गोबिंद मंडल,प्रीति जयसवाल,यामिनी ठाकुर,दीपिका रॉय शर्मा अन्य कर्मचारि सहित शिक्षक शिक्षिका बच्चे उपस्थित हो कर योग शिविर में योग किये।