रोबोटिक सर्जरी गायनोकॉलोजी का भविष्य: डॉ. प्रीति जिंदल
करमजीत परवाना,
चंडीगढ़ । ‘गायनोकॉलोजी में रोबोटिक सर्जरी की भूमिका’ पर जागरूकता पैदा करने के लिए पार्क अस्पताल मोहाली से रोबोटिक गायनोकॉलोजी सर्जरी डायरेक्टर डॉ. प्रीति जिंदल और जनरल सर्जरी सीनियर कंसल्टेंट व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विमल विभाकर ने गुरुवार को यहां मीडिया को संबोधित किया।डॉ. प्रीति जिंदल ने कहा कि पार्क अस्पताल मोहाली में अब सबसे एडवांस दा विंची सर्जिकल रोबोट और नवीनतम 4th जनरेशन का रोबोटिक प्लेटफॉर्म है।
डॉ. प्रीति जिंदल ने बताया कि यह मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के लिए अगला फ्रंटियर और सर्जिकल प्रोसीजर के विजुअलाइजेशन, सटीकता, नियंत्रण और निपुणता को बढ़ाता है, जिससे सर्जनों को जटिल सर्जरी को ऐसे तरीके से करने में मदद मिलती है, जैसा पहले कभी अनुभव नहीं किया गया।
डॉ. प्रीति जिंदल ने आगे कहा कि "सर्जिकल रोबोट सर्जनों की विशेषज्ञता और अनुभव को अधिकतम रूप से पूरक बनाते हैं। रोबोट की सहायता से चलने वाले हाथ अधिक स्थिर, सटीक पाए जाते हैं, और मानव हाथ की तुलना में शरीर के सबसे अंदरूनी हिस्सों तक अधिक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसलिए, यह सर्जरी सर्जनों को अधिक सटीकता, बढ़ी हुई गति सीमा और बेहतर निपुणता सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, कैमरे द्वारा प्रदान की गई 3डी विजन सर्जन को अधिक विस्तृत दृश्य प्रदान करती है। यह आसान पहुँच और बेहतर सर्जिकल परिणाम प्रदान करता है ।
डॉ. विमल विभाकर ने कहा कि रोगी के नजरिए से, रोबोटिक सर्जरी के फायदों में बेहतर नतीजों के साथ सटीक सर्जिकल प्रोसीजर और कम ब्लड लॉस शामिल है। इसके अलावा, सर्जरी के बाद संक्रमण का जोखिम भी कम होता है, जिससे अस्पताल में रहने की अवधि कम होती है। ऑपरेशन के बाद दर्द कम होता है। कम चीरों की वजह से निशान कम होते हैं। अगर आप जल्दी ठीक होना चाहते हैं, तो रोबोटिक सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है।
डॉ. प्रीति जिंदल ने बताया कि अप्रैल 2005 में, दा विंची रोबोट को मिशिगन विश्वविद्यालय में मायोमेक्टोमी और हिस्टेरेक्टॉमी के साथ अपने शुरुआती अनुभव से सुरक्षा और प्रभावकारिता के प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर गायनोकॉलोजी संबंधी प्रक्रियाओं के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मंज़ूरी मिल गई थी। रोबोटिक्स सिंगल क्वाड्रेंट सर्जरी और स्थिर संरचनाओं के लिए सबसे अच्छा है और इसलिए यह गायनोकॉलोजी संबंधी सर्जरी में विशेष रूप से उपयोगी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें 3डी परसेप्शन , कलाई वाले उपकरण, सहज चाल और निपुणता के अतिरिक्त लाभ हैं।
नॉर्थ पार्क हॉस्पिटल्स के ग्रुप सीईओ आशीष चड्ढा ने बताया कि भारत में अब हर साल लगभग 60,000 से अधिक रोबोटिक सर्जरी की जाती हैं, लेकिन भारत में 1,000 से भी कम प्रशिक्षित रोबोटिक सर्जन हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पार्क अस्पताल युवा गायनेकोलॉजिस्ट के लिए रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण शुरू करने जा रहा है।
रोबोटिक सर्जरी गायनोकॉलोजी का भविष्य बनने जा रही है। इससे अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ता है। पारंपरिक गायनोकॉलोजी सर्जरी से ठीक होने में दो महीने या उससे अधिक समय लगता है, जबकि रोबोटिक सर्जरी में ठीक होने का समय पारंपरिक ओपन सर्जरी से ठीक होने के समय का आधा ही हो सकता है ।
24 घंटे के भीतर एक मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है और 2 दिनों के भीतर वह घर के काम पर वापस लौट सकती है और 1 सप्ताह के भीतर सामान्य दिनचर्या में वापस आ सकती है।