जयनगर/मधुबनी/बिहार
ब्यूरो चीफ बिहार राजेश कुमार मिश्रा।
सुहागिनों का पर्व वट सावित्री हर्षोल्लास के साथ हुआ पूर्ण, महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान की पूजा
जयनगर अनुमंडल क्षेत्र एवं उसके आस- पास में आज दिन सोमवार को वट सावित्री का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बता दें कि सुहागिन महिलाएं ने अपने पति के दीर्घायु होने के लिए यह व्रत रखती है। इस दौरान बरगद के पेड़ की पूजा का विधि विधान से पूजा किया जाता है। इसको लेकर सुबह से बरगद के पेड़ पर महिलाएं और ब्रह्म बाबा स्थान, वाटर वेज चौक, ब्लॉक रोड, एफसीआई रोड, कमलारोड, कारगिल चौक, बेला चौक, यूनियन टोल,आदि जगहों पर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा करती है और अपने पति के दीर्घायु की कामना करती हैं। शहर से लेकर हर कस्बे और ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने व्रत रख भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा- अर्चना की और उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती है। महिलाएं सुबह से ही सज सवर कर घर में पकवान बनाने के बाद वट वृक्ष के नीचे पहुंची और पूजा- अर्चना शुरू की। अक्षत रोली से तिलक करने के बाद महिलाओं ने पंचामृत से भगवान विष्णु का पूजन वंदन किया और वट वृक्ष में धागा लपेटते हुए महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना कर इस व्रत को पूर्ण किया। आगे पूजन- अर्चना कर महिलाओं ने पति की दीर्घायु के साथ ही परिवार में सुख- समृद्धि की कामना की। पूजा अर्चना के बाद महिलाओं ने पंडित से वट सावित्री की कथा सुनी और सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे महिलाओं की भीड़ उमड़ने लगी। महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा कर विधिविधान से पूजन किया। साथ ही हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आता है। इस दिन वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण भी होता है। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है, मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य पूर्ण होते हैं। इस पूजा को करने के लिए विशेष विधि- विधान है, जिसका पालन सख्ती से किया जाता है। वट सावित्री के पूजन सामग्री में बांस का पंखा, लाल कलावा, सुहाग का समान, मूर्तियां, धूप, दीप, घी, कच्चा सूत, चना, बरगद का फल, जल से भरा कलश सहित अन्य शामिल किया जाता है।