*रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात*
*मोडासा, अरावली में "गीता साद युवा नाद" द्वारा युवा जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया*
*निष्काम योग गीता-गायत्री फैमिली यूथ ग्रुप द्वारा सिखाया जाता है*
गायत्री परिवार युवा समूह (जीपीवाईजी) ने गीता जयंती के शुभ अवसर पर गायत्री परिवार श्रद्धेय शैलबाला जीजी का 72वां जन्मदिन मनाते हुए एक विष गोष्ठी का आयोजन किया। श्रीमद्भागवत गीता की जयंती के अवसर पर मोडासा स्थित गायत्री चेतना केंद्र के हॉल में गायत्री परिजनों एवं अन्य आमंत्रित लोगों की उपस्थिति में श्रीमद्भागवत गीता का पूजन किया गया। इस मौके पर जीजी सेवा, सहनशीलता और प्रेम का प्रतीक हैं. स्वातिबेन कंसारा ने श्रद्धेय जीजी की जीवनी के बारे में बताया, जो उनके मार्गदर्शन में विशेष कार्य कर रहे हैं।अरविन्दभाई कंसारा ने ज्ञान का प्रतीक दीप प्रज्ज्वलित किया तथा उपस्थित सभी लोगों ने गीता का पूजन किया। गोष्ठी वक्ता किरणभाई द्वारा "गीता सार युवा नाद" विषय पर विशेष चर्चा की गई। किरण भाई ने गीता और युवा विषय पर बोलते हुए कहा कि गीता जीवन जीना सिखाती है। निष्काम योग जीवन का मार्गदर्शक रहा है।
जिसमें उपस्थित लोगों द्वारा इसकी संरचना एवं श्रीमद्भगवद्गीता की जीवन शक्ति के बारे में विशेष भाषण दिया गया। इस अवसर पर गायत्री परिवार युवा ग्रुप के सभी सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
