विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
चिरमिरी में ‘अलाव–लकड़ी संकट’ भयावह —
महापौर पर जनता का गुस्सा चरम पर —
अफसर अली बोले: “ट्रिपल इंजन सरकार में जनता ठिठुर रही है, अब नहीं तो ऐतिहासिक आंदोलन हो
चिरमिरी, 8 दिसम्बर 2025कड़ाके की ठंड ने चिरमिरी को जकड़ लिया है।
तापमान 7–8 डिग्री तक गिर रहा है।
लेकिन अलाव… लकड़ी… राहत… कहीं दिखाई नहीं देती।
नगर निगम का हाल ऐसा है जैसे पूरा तंत्र ठंड में ‘जम’ गया हो।
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नगर निगम का स्टाफ कुर्सियों में गायब — जनता भटक रही!
नागरिकों ने साफ कहा —
“नगर निगम में न कर्मचारी मिलते हैं, न अधिकारी… सब कुर्सियों से गोल हो जाते हैं।”
यह वही शिकायत है जो अफसर अली ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले उठाई, और मीडिया के सामने खुलकर कहा—
> “चिरमिरी नगर निगम में अलाव भी नहीं,
अंतिम संस्कार की लकड़ी भी नहीं,
और कर्मचारी–अधिकारी जनता के सामने तो आते ही नहीं!
यह प्रशासन नहीं—पूरी तरह कुप्रशासन है।”
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अंतिम संस्कार की लकड़ी तक नहीं — डिपो सूने, जनता मजबूर
बड़ी बाजार लकड़ी डिपो खाली।
नगर निगम हाथ खड़े।
वन विभाग डीपों में अक्सर लकड़िया स्टॉक उपलब्ध नहीं रहता है जो शहर वासियों को
अंतिम संस्कार के लिए 10–15 किमी दूर जाना पड़ता है लंबी दूरी तय करके लकड़िया लेने या है शहर की व्यवस्थाएं नगर निगम और वन विभाग की जिस पर शहर के महापौर की क्या जिम्मेदारी है जिम्मेदारी से भागते नजर आते हैं नहीं उठा पा रहे हैं जिम्मेदारी
यह परिस्थिति चिरमिरी के लिए शर्मनाक और संवेदनहीन दोनों है।
अफसर अली बोले—
> “जब कांग्रेस की सरकार थी—शहर के हर चौक पर अलाव जलता था।
आज भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार में
इंसान–जानवर तक ठंड से मर रहे हैं
और निगम लकड़ी–अलाव दोनों से ‘दिवालिया’ हो चुका है।”
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**महापौर पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया —
“धरातल पर जीरो, सिर्फ फोटो–शूट क्वीन!”**
शहर में चर्चा गर्म:
महापौर दिनभर सोशल मीडिया में फोटो खिंचवाने में व्यस्त रहती हैं,
मगर जमीनी काम शून्य।
लोग खुलकर कह रहे—
“महापौर एक कठपुतली की तरह नाच रही हैं — उन्हें कोई रिमोट से चला रहा है।”
कई बार खुद महापौर ने कहा—
“निगम में पैसा नहीं है, मैं इस्तीफा दे दूंगी… कार्यभार छोड़ दूंगी।”
इससे जनता में अविश्वास और बढ़ गया है।
आज हाल ये है कि —
महापौर की नहीं चलती… और जनता ठिठुरती रह जाती है।
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**तिराहों–चौराहों में अलाव गायब —
ठंड से इंसान–पशु दोनों मर रहे**
बस स्टैंड, प्रमुख तिराहों, स्कूल स्टॉप, मजदूरी स्थलों पर:
न अलाव
न लकड़ी
न नगर निगम का टैंपो
न कोई राहत
कुत्ते, गाय और बैल ठंड से मरते मिले।
और नगर निगम के अधिकारी?
“ड्यूटी पर नहीं… सिर्फ कागजों में सक्रिय!”
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**अफसर अली की कड़ी चेतावनी:
“अब नहीं सुधरे तो ऐतिहासिक आंदोलन होगा!”**
युवा कांग्रेस नेता अफसर अली ने साफ कहा—
> “अगर 24 घंटे के भीतर
अलाव शुरू नहीं हुए,
चौक–चौराहों पर लकड़ी नहीं पहुंची,
अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी उपलब्ध नहीं कराई गई,
तो हम नगर निगम का घेराव करेंगे।
यह ऐतिहासिक आंदोलन होगा।
जिम्मेदार सिर्फ महापौर और निगम प्रशासन होंगे।”
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निष्कर्ष — चिरमिरी निर्णायक मोड़ पर
जनता पूछ रही है —
“क्या महापौर और निगम अब जागेंगे?”
या
“अफसर अली की अगुवाई में चिरमिरी बड़ा आंदोलन देखेगा?”
ठंड बढ़ रही है,
और शहर इंतज़ार में है —
कब निगम अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।
