रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात
खेलों में एक ओर दृष्टिबाधि खेल महाकुंभ के तहत म.ला गांधी कॉलेज स्टेडियम में आयोजित किया गया
खेलों में एक ओर दृष्टिबाधित खिलाड़ी तो दूसरी ओर राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी उत्साहपूर्वक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. फिर इस खेल महाकुंभ को देखने के लिए, दीप जलाने के लिए, खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए एम.एल.गांधी मंडल के अध्यक्ष महेंद्र, मामा, दोस्त, भाई अमित कवि मौजूद रहे.शारीरिक सीमाओं को पार कर प्रज्ञाचक्ष्वा एथलीटों ने जो आत्मविश्वास, जुझारूपन और खेल कौशल दिखाया है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका खेल सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि साहस, धैर्य और आत्मनिर्भरता का जीवंत उदाहरण है।जबकि हॉकी मेरा स्कूल खेल था और साथ ही विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में खेलने का सौभाग्य भी मिला, उन खिलाड़ियों ने राज्य हॉकी टूर्नामेंट के खिलाड़ियों और उनके अनुशासन, टीम वर्क और उच्च स्तर की खेल भावना से मिलकर राज्य को गौरवान्वित किया है। कड़ी मेहनत और समर्पण से युवा पीढ़ी को खेलों के प्रति अधिक आकर्षण और प्रेरणा मिलती है। उन्हें उनका हौसला बढ़ाना था और पुरानी यादें ताज़ा करनी थींएमएलए गांधी कॉलेज स्टेडियम में दोनों प्रकार के खिलाड़ियों को दिया गया समान सम्मान और प्रोत्साहन सच्ची खेल भावना और समावेशी समाज का प्रतीक है। आयोजकों, संरक्षकों और सभी सहयोगियों को बधाई। गुजरात के मोडासा के हॉकी खिलाड़ी और उनके कोच, खिलाड़ी अपने खेल के लिए और कोच अपने प्रशिक्षण के लिए पूरे भारत में जाने जाते हैं।



