रेंगावाही धान खरीदी केंद्र बंद होने से किसान चिंतित, यथावत रखने की मांग।
पत्रकार स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
क्षेत्र के किसानों ने रेंगावाही धान खरीदी केंद्र को यथावत (पहले जैसा) बनाए रखने की पुरजोर मांग की है। किसानों ने अपनी इस गंभीर समस्या को लेकर स्थानीय विधायक विक्रम देव उसेंडी, सांसद भोजराज नाग और मंडल अध्यक्ष बांदे सुनीता मंडल को एक ज्ञापन सौंपा है।किसानों का कहना है कि धान खरीदी केंद्र दूर होने के कारण उन्हें पहले उपज बेचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इसी समस्या को देखते हुए 2014-15 में रेंगावाही में धान खरीदी केंद्र खोला गया था।
शासन के निर्देश पर रेंगावाही धान खरीदी केंद्र को बंद किया जा रहा है।
रेंगावाही के समस्त किसानों को अब छोटेबेठियां धान खरीदी केंद्र से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण अत्यधिक परेशान हैं।
किसानों ने तर्क दिया है कि छोटेबेठियां धान खरीदी केंद्र में पहले से ही लगभग 75,000 क्विंटल से अधिक की खरीदी होती है। इस केंद्र के किसान भी समय पर अपना धान नहीं बेच पाते हैं और अक्सर उचित मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाते हैं। यदि रेंगावाही केंद्र को बंद कर छोटेबेठियां में समायोजित किया गया, तो रेंगावाही क्षेत्र के किसान अपना धान बिल्कुल नहीं बेच पाएंगे।"
किसानों के अनुसार, रेंगावाही धान खरीदी केंद्र के बंद होने से लगभग 1290 किसान सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। किसानों ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अपील की है कि वे किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लें और रेंगावाही केंद्र को पूर्व की भांति संचालित रखें ताकि किसान अपनी उपज समय पर बेच सकें।
