कोडेकुर्से में अंतिम संस्कार पर गहराया विवाद: शव रायपुर ले जाने की तैयारी।
पत्रकार स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
विकासखंड दुर्गूकोंदल के ग्राम कोडेकुर्से में धर्मांतरण कर चुके एक युवक के अंतिम संस्कार को लेकर बीते तीन दिनों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ईसाई धर्म अपना चुके मृतक मनोज निषाद का शव गांव में दफनाने को लेकर उनके परिवार और ईसाई समुदाय तथा स्थानीय ग्रामीणों के बीच गतिरोध पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने गांव की परंपरा और सामाजिक व्यवस्था का हवाला देते हुए ईसाई रीति से अंतिम संस्कार का विरोध किया है, जिससे विवाद लगातार गहराता गया।मनोज निषाद की मृत्यु के बाद ईसाई समुदाय ने शव को स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी की थी। लेकिन ग्रामीणों का स्पष्ट मत है कि भले ही मृतक धर्मांतरित हो गए हों, गांव की सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार यहां ईसाई रीति से दफनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दूसरी ओर, ईसाई समुदाय का कहना है कि मृतक जीवनभर उनके धर्म और समाज का हिस्सा रहे, इसलिए उनका अंतिम संस्कार भी उसी धार्मिक रीति से होना चाहिए।
विवाद बढ़ने और स्थिति तनावपूर्ण होने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत कर सहमति बनाने का प्रयास किया, लेकिन सभी कोशिशें विफल रहीं।
प्रशासन की प्रारंभिक समझाइश के बाद, ईसाई समुदाय चारामा कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए सहमत हुआ। हालांकि, वहाँ भी आपसी असहमति और अनुमति संबंधी दिक्कतों के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो सका। इसके चलते शव को वापस वाहन में रखा गया और गतिरोध पहले से भी अधिक जटिल हो गया।
नवीनतम जानकारी के अनुसार, लगातार तीन दिनों के गतिरोध के बाद अब ईसाई समुदाय ने शव को रायपुर ले जाने का फैसला किया है। वहां धार्मिक परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार संपन्न कराया जाएगा।
विवाद धर्म से नहीं, बल्कि ग्राम की परंपरा और सामुदायिक शांति बनाए रखने से संबंधित है।
मृतक का अंतिम संस्कार उसी धार्मिक रीति से हो, जिसका वह जीवनभर पालन करते रहे।
पूरे मामले पर प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से लगातार निगरानी रखे हुए है। प्रशासन ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। गांव में लगातार तीन दिनों से समाधान न निकलने के कारण असहजता और तनाव व्याप्त है।
