विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
सांसद ने मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की — लेकिन सवाल चिरमिरीवासियों के मन में खटक रहा है! क्या अब जिला अस्पताल भी वहीं शिफ्ट होगा
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मनेंद्रगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। केंद्र ने इसके लिए 362.57 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
लेकिन इस घोषणा के बाद अब सबसे बड़ा सवाल चिरमिरीवासियों के मन में खड़ा हो गया है। क्योंकि मेडिकल कॉलेज उसी स्थान पर खोला जाता है, जहां जिला अस्पताल होता है — जबकि वर्तमान में जिला अस्पताल का निर्माण चिरमिरी के गोदरी पारा में स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा के बाद तेजी से जारी है। फिलहाल अस्थायी जिला अस्पताल बड़ी बाजार स्वास्थ्य केंद्र में संचालित है।
ऐसे में यह स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि —
क्या मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद चिरमिरी में बन रहा जिला अस्पताल रद्द कर दिया जाएगा?
या फिर मेडिकल कॉलेज के छात्र चिरमिरी इलाज प्रशिक्षण के लिए आएंगे?
क्या यह व्यवस्था जनता को भ्रमित करने वाली नहीं है?
चिरमिरीवासी नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं कि क्षेत्र में हमेशा विकास के नाम पर छलावा किया गया। जबकि चिरमिरी वह क्षेत्र है, जो कभी समृद्ध औद्योगिक नगर था और आज लगातार उजड़ता जा रहा है। यहां के लोग रोज़गार और सुविधाओं के अभाव में पलायन को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल दोनों का निर्माण चिरमिरी में होना चाहिए था, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार दोनों का विस्तार होता। लेकिन बार-बार चिरमिरी को पीछे छोड़कर निर्णय लेना यहां के लोगों के साथ अन्याय है।
जनता अब यह भी पूछ रही है कि क्या मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज और चिरमिरी में जिला अस्पताल चलाना व्यावहारिक है? क्या छात्र-छात्राओं को हर दिन चिरमिरी आना-जाना पड़ेगा, या फिर सरकार बाद में अस्पताल को भी मनेंद्रगढ़ स्थानांतरित कर देगी?
यह निर्णय अब चर्चा का विषय बन गया है —
जनता कह रही है कि “चिरमिरी के साथ बार-बार छल-कपट क्यों? क्या यह विकास का मार्ग है या जनता को गुमराह करने की नई चाल?”