पंचायत सचिव पर मनमाने करने और पेट्रोल खर्चा मांगने का गंभीर आरोप।
पत्रकार स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
ग्राम पंचायत गोंडाहुर के वार्ड पंच प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने पंचायत सचिव मंतोष घरामी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीण विभाष बढ़ई, रवि कोला, रैनू आंचला, गन्नू राम, रैजी राम का कहना है कि सचिव नियमित रूप से पंचायत कार्यालय नहीं आता हैं और अपनी मनमानी करता हैं, जिससे हमारे गांव का विकास कार्य और प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। सचिव गोंडाहूर पंचायत से पंद्रह किलोमीटर दूर पखांजूर में रहता है।
ग्रामीणों के अनुसार, जब वे फोन पर सचिव को पंचायत बुलाते हैं, तो उन्हें निराशाजनक जवाब मिलता है। वार्ड पंच प्रतिनिधि अश्विनी मंडल ने आरोप लगाया है कि सचिव ने फोन पर यह तक कहा है कि "मेरा पेट्रोल खर्च कौन देगा, मैं रोजाना नहीं आ सकता। मैं दो जगह के प्रभार में हूँ, मुझे दोनों जगह देखना पड़ता है।" ग्रामीणों ने इस पर गहरा रोष व्यक्त किया है और नियमित रूप से पंचायत में सचिव की उपस्थिति की मांग की है।
इस संबंध में जब ग्राम पंचायत गोंडाहुर के सचिव मंतोष घरामी से बात की गई, तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों पर अपनी सफाई पेश की। सचिव मंतोष ने बताया कि वह दो पंचायतों के अतिरिक्त प्रभार में हैं, जिसके कारण उन्हें दोनों जगह देखना पड़ता है। उन्होंने कहा, "मैं सोमवार एवं गुरुवार को गोंडाहूर पंचायत कार्यालय में बैठता हूँ। अत्यधिक बारिश के चलते हो सकता है एक-दो दिन नहीं गया हूँ, परंतु नियमित रूप से मैं पंचायत में जाता हूँ।"
पेट्रोल खर्च को लेकर सामने आ रहे बयान पर सचिव ने कहा कि "बीते कुछ महीना मेरा वेतन रुका हुआ था, हो सकता है भूलवश मैंने किसी को कह दिया होगा, परंतु मुझे सटीक याद नहीं आ रहा।"
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि जब एक पंचायत सचिव के पास दो पंचायतों का अतिरिक्त प्रभार होता है, तो दोनों ही पंचायतों में प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से कैसे हो पाएंगा। ग्रामीणों की समस्याएँ वास्तविक हैं, और सचिव पर अतिरिक्त कार्यभार का दबाव भी दिखाई देता है। अब देखना यह है कि संबंधित विभाग इस समस्या का संज्ञान लेकर ग्रामीणों की शिकायत और सचिव के अतिरिक्त प्रभार के मुद्दे पर क्या कदम उठाता है।