विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
छत्तीसगढ़ के एमसी बी.जिला खडगवा क्षेत्र देवाडण ग्राम हंसदो नदी पुलिया में भू माफियाओं का अवैध कारोबार दिन-रात अवैध रेत खनन — खनिज विभाग, एसडीएम व तहसीलदार बेखबर! करोड़ों का राजस्व नुकसान, सड़क और पर्यावरण बर्बादी की कगार पर
एमसीबी जिला / खडगवा।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के देवाडण ग्राम स्थित हंसदो नदी पुलिया क्षेत्र में अवैध रेत खनन का खेल खुलेआम जारी है। रेत माफिया ट्रैक्टर और जेसीबी मशीनों की मदद से दिन-रात नदी की रेत निकाल रहे हैं, जबकि जिला खनिज विभाग, एसडीएम और तहसील प्रशासन पूरी तरह बेखबर नजर आ रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों की लगातार शिकायतों और मीडिया की सूचना के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जब संवाददाता मौके पर पहुंचे तो तीन से चार ट्रैक्टर रेत से लदे हुए पाए गए और नदी में लगातार रेत खनन होता रहा।
गांव वालों ने बताया कि यह अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है। रात-दिन रेत की निकासी होती है और जेसीबी से लोडिंग की जाती है। जिससे.सड़क और नदी का मार्ग रास्ता हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। भारी ट्रैक्टर-डंपर के गुजरने से पूरी कच्ची सड़क धंस चुकी है और पुलिया मे.भी जिसका असर. निर्माण पुलिया पर भी दिख रहा है
स्थानीय लोगों का कहना है कि एमसीबी जिले के खनिज अधिकारी दयानंद तिगा और निरीक्षक आदित्य मानकर क्षेत्र में कभी नहीं दिखाई देते। फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं दिया जाता। पत्रकारों द्वारा संपर्क किए जाने पर अधिकारी का जवाब मात्र इतना होता है — “ठीक है, देखता हूं”, लेकिन देखने के बाद न तो कोई जांच होती है, न ही कार्रवाई।
जब एसडीएम चिरमिरी को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने केवल इतना कहा कि “तहसीलदार को भेजता हूं”, लेकिन कई घंटों बीतने के बाद भी मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। तब तक कई ट्रैक्टर रेत लेकर निकल चुके थे। रेता माफिया
मौके पर मौजूद ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि यह ट्रैक्टर राजेश साहू ब्रदर व सोनू साहू (अखाड़ाडण) के हैं। अवैध रेत परिवहन के लिए नंबर रहित सोल्ड ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की पहचान न हो सके।
चिरमिरी क्षेत्र में न केवल रेत खनन, बल्कि अवैध कोयला परिवहन, ईंट भट्टे, पेड़ों की कटाई और अवैध शराब कारोबार भी चल रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी केवल कुर्सियों पर बैठकर “कागजी कार्रवाई” तक सीमित हैं।
राज्य सरकार को अवैध रूप से खनिज उत्पादन भू माफिया खनन करने से
सरकारी खनिज राजस्व को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है, और. वन पर्यावरण भी तेजी से प्रभावित हो रहा है। सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर जारी इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? आखिर कब तक जिम्मेदार विभाग अपनी आंखें मूंदे रहेंगे?


