*₹5 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं के साथ नवंबर में होगी: मुख्यमंत्री*
*साढ़े आठ वर्षों में 15 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरे*
*भूमि अधिग्रहण में संवाद व समन्वय को प्राथमिकता, किसानों की संतुष्टि और उनका हित सुरक्षित करने के निर्देश*
*बोले मुख्यमंत्री, भूमि से किसानों का भावनात्मक संबंध, अधिग्रहण पर मुआवजा दर बढ़ाने पर हो विचार*
*औद्योगिक इकाइयों को आवंटित भूमि तीन साल में उपयोग न होने पर होगी रद्द*
*नोएडा क्षेत्र में फिनटेक हब विकसित करने पर मुख्यमंत्री का जोर, कहा बैंकिंग व निर्यात को बढ़ावा देने के हों प्रयास*
*मुख्यमंत्री का निर्देश, और सरल व सहज बनाएं निवेश मित्र और निवेश सारथी पोर्टल, निवेशकों को कतई न लगाना पड़े दफ्तरों का चक्कर*
*22 सितम्बर से लागू हो रहे जीएसटी सुधार का आम नागरिक को लाभ मिलना सुनिश्चित करायें: मुख्यमंत्री*
*हर जिले में सरदार पटेल रोजगार ज़ोन विकसित करने की कार्ययोजना पर मंथन, उद्योग व रोजगार का नया मॉडल बनेगा यूपी*
*2025-26 में विनिर्माण क्षेत्र का ₹5 लाख करोड़ GVA लक्ष्य*
ब्यूरो रिपोर्ट TTN 24
*लखनऊ, 18 सितम्बर:*
विभिन्न निजी औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सामंजस्य के साथ ही होनी चाहिए। अपनी भूमि के साथ हर किसी का एक भावनात्मक संबंध होता है। यह उसके जीवन भर की पूंजी है। यदि प्रदेश हित में उनकी भूमि का अधिग्रहण आवश्यक है तो उन्हें अच्छा मुआवजा मिलना चाहिए। कहीं से भी उत्पीड़न की शिकायत नहीं आनी चाहिए। संवाद और समन्वय से यह काम बड़ी आसानी से हो सकता है। सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप भूमि अधिग्रहण के लिए वर्तमान मुआवजे की दर में बढ़ोतरी पर विचार करें। यह समय की मांग है, इसी में किसानों का हित है।
निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में से किसी एक क्षेत्र में फिनटेक हब विकसित किया जाए। यहां बड़े बैंकिंग संस्थाओं के कार्यालय हों। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात को और बेहतर करने के लिए नियोजित प्रयास की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि भूमि आवंटन के उपरांत भूमि का समुचित उपयोग न करने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि आवंटन अधिकतम तीन वर्षों के उपरांत रद कर दिया जाए। वह भूमि अन्य निवेशक को आवंटित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र और निवेश सारथी पोर्टलों को और अधिक सहज व सरल बनाये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि निवेशक छोटा हो या बड़ा, कार्यालयों के चक्कर किसी को भी न लगाना पड़े।
आगामी 22 सितम्बर से प्रभावी होने जा रहे जीएसटी सुधारों का लाभ हर आम नागरिक को मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि इससे आम आदमी को सीधा लाभ होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित विशेष रोजगार ज़ोन के विकास की कार्ययोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में कम से कम 100 एकड़ में इस रोजगार ज़ोन का विकास किया जाना है, इसके लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यह क्षेत्र उद्योग, निवेश, उद्यमिता, नवाचार, कौशल विकास और रोजगार का हब होगा। यह कार्ययोजना पूरे देश में एक मॉडल बनेगी।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2025-26 के लिए विनिर्माण क्षेत्र का ₹5 लाख करोड़ का GVA लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए फैक्ट्री अधिनियम के अंतर्गत 8,000 नई/विद्यमान इकाइयों का पंजीकरण आवश्यक है। अभी तक 1,354 इकाइयों का पंजीकरण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने श्रम सुधारों की प्रक्रिया को और तेज करने और अप्रयुक्त औद्योगिक भूखंडों को सक्रिय करने के निर्देश दिए।
[9/18, 3:47 PM] +91 94549 49349: *योगी सरकार ने खीरी में पेश की जनसहभागिता की मिसाल, 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट बनीं बाढ़ पीड़ितों का संबल*
*- सीएम योगी के मार्गदर्शन में लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आए कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमी और स्वयंसेवी संस्थाएं*
*- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता के साथ उपलब्ध करायी जा रही स्पेशल किट*
*- 45 लाख रुपये की लागत से तैयार की गयी किट, जरूरत पड़ने पर और भी किट की जाएंगी तैयार*
*- किट में मच्छरदानी, छाता, बैटरी सहित टॉर्च, सेनेटरी पैड और गर्म पानी के थर्मस का किया जा रहा वितरण*
*- एक किट की कीमत है करीब 9 सौ रुपये, पिछले वर्ष भी सीएसआर स्पेशल किट बाढ़ पीड़ितों को की गयी थीं वितरित*
*लखनऊ/लखीमपुर खीरी, 18 सितंबर:*
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।
ये पंक्तियां याेगी सरकार के लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन पर पूरी तरह से चरितार्थ होती हैं। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप आपदा में जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला, जहां पर जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। यह किट योगी सरकार द्वारा सरकारी वित्तीय सहायता, मुआवजा और राहत किट के अतिरिक्त वितरित की जा रही है। इस किट को जिलाधिकारी की पहल पर 45 लाख रुपये की लागत से कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया। इसी के साथ खीरी पूरे प्रदेश में ऐसा पहला जिला हैं, जहां पर बाढ़ पीड़ितों के लिए सीएसआर स्पेशल किट वितरित की जा रही है। एक किट की लागत करीब 900 रुपये है। बता दें कि पिछले वर्ष भी आपदा की घड़ी में सीएम योगी के मार्गदर्शन में सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया गया था।
*निराश्रित महिलाओं, दिव्यागों और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों को उपलब्ध करायी जा रही किट*
जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा अापदा के समय प्रदेशवासियों के साथ खड़े रहते हैं। उनके द्वारा न केवल आपदा की घड़ी में पीड़ितों को हर संभव मदद उपलब्ध करायी जाती है बल्कि वह खुद पीड़ितों पर दर्द साझा करने के लिए उनसे मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछते रहते हैं। इसी क्रम में सीएम योगी की दूरदर्शी सोच को आत्मसात करते हुए सरकारी सहायता के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किट को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए जिले की पांच बाढ़ प्रभावित तहसीलों के सभी बाढ़ प्रभावित गांव में निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों को चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही हर जरूरतमंद को स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने गुरुवार को सदर तहसील में विधायक योगेश वर्मा के साथ जरूरतमंदों को सीएसआर स्पेशल किट वितरित की।
*बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जरूरत पड़ने पर और भी स्पेशल किट करायी जाएगी तैयार*
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले की निघासन, धौरहरा, गोला गोकर्णनाथ औा पलिया तहसीलों में चिन्हित दिव्यांगजन, निराश्रित महिला एवं 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले वृद्धजनों को स्पेशल सीएसआर किट का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल बाढ़ पीड़ितों को पांच हजार स्पेशल किट उपलब्ध करायी जा रही है। वहीं जरूरत पड़ने पर और भी सीएसआर स्पेशल किट को बनवाया जाएगा। किट में मच्छरदानी, छाता, बैटरी सहित टॉर्च, सेनेटरी पैड (2 पैकेट) और गर्म पानी रखने के लिए 2 लीटर की थर्मस शामिल है।
*हिंदी कीवर्ड*
योगी सरकार जनसहभागिता, लखीमपुर खीरी बाढ़ राहत, सीएसआर स्पेशल किट, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, उत्तर प्रदेश बाढ़ सहायता, कॉरपोरेट सेक्टर बाढ़ सहयोग
*English Keywords*
Yogi Government Flood Relief, Lakhimpur Kheri CSR Special Kits, Disaster Management Uttar Pradesh, Public Participation in Flood Relief, Durga Shakti Nagpal DM Initiative, Corporate Social Responsibility Flood Aid
*English Hashtags*
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*Meta Keywords*
Yogi Government flood relief, CSR special kits, Lakhimpur Kheri disaster management, Uttar Pradesh flood assistance, Durga Shakti Nagpal DM initiative, public participation in disaster relief, corporate sector flood aid