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कांकेर: फर्जी दस्तावेज़ों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास

 फर्जी दस्तावेज़ों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास।

पत्रकार- स्वतंत्र नामदेव 

कांकेर जिला ब्यूरो

परलकोट क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं। इन मामलों का खुलासा प्रशासन की सख्ती और जांच के बाद हुआ। एक मामले में बांग्लादेश से आए एक परिवार ने अपने बेटे के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश की, वहीं दूसरे मामले में एक महिला ने भी गलत दस्तावेज़ पेश कर जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने का प्रयास किया।

बांग्लादेशी परिवार का मामला

ग्राम अनूपपुर पीव्ही-127 निवासी 68 वर्षीय प्रशांत बैरागी और उनके बेटे सुकृति बैरागी साल 2022 में बांग्लादेश से वीज़ा पर भारत आए थे। उनका वीज़ा 2023 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन वे यहीं रुक गए। प्रशासन को दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रशांत बैरागी ने अपने बेटे का जन्म 2008 में हुआ दिखाने के लिए फर्जी स्कूल मार्कशीट, पंचायत और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से प्रमाण पत्र बनवाए। इन फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर उन्होंने पखांजूर तहसील में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया।

तहसीलदार ने 7 अगस्त 2025 को प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश भी दे दिया था, लेकिन पंचायत से अभी तक जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ था। जब यह मामला सामने आया, तो तहसीलदार कुलदीप सिंह ठाकुर ने गाँव पहुँचकर जांच की। जांच के दौरान, परिवार के पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट भी मिला, जिससे यह साबित हुआ कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं। इस खुलासे के बाद, प्रशासन ने परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तहसीलदार ने बताया कि यह परिवार अवैध रूप से भारत में रह रहा था और अब पुलिस इस संबंध में ज़रूरी कार्रवाई करेगी।

महिला का फर्जी दस्तावेज़ पेश करने का मामला

एक अन्य मामले में, नगर पंचायत पखांजूर के वार्ड 5 की निवासी मनीषा हिजड़ा नाम की महिला ने भी फर्जी दस्तावेज़ पेश कर जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। उसने खुद को 1 जनवरी 1980 को पखांजूर में जन्मा बताया। तहसीलदार ने 10 जुलाई को प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया, जिसके बाद 17 जुलाई को नगर पंचायत ने मनीषा का जन्म प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया।

शिकायत मिलने के बाद जब प्रशासन ने जांच की, तो सामने आया कि महिला का भारतीय पासपोर्ट है, लेकिन उसमें उसका जन्म स्थान पश्चिम बंगाल का एक गाँव दर्ज है। जांच में यह भी पता चला कि मनीषा 2015 में पखांजूर आई थी और उसने जन्म प्रमाण पत्र के लिए जो दस्तावेज़ पेश किए थे, वे सभी फर्जी थे।

प्रशासन ने निरस्त किए आदेश और दर्ज कराई एफआईआर

देशभर में बांग्लादेशी नागरिकता और मतदाता सूची की जांच के आदेश के बाद परलकोट क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील कार्यालय पहुँच रहे हैं। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए वे परिवार भी रहते हैं जिन्हें भारत सरकार ने नागरिकता दी है। लेकिन, इनके अलावा वे परिवार भी हैं जिनके पास भारतीय नागरिकता नहीं है और वे फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे खुद को भारतीय नागरिक साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

दोनों मामलों का खुलासा होने के बाद, तहसीलदार कुलदीप सिंह ठाकुर ने तत्काल प्रभाव से दोनों आदेशों को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही, फर्जी दस्तावेज़ों के साथ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। तहसीलदार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे इस तरह के अवैध कार्यों में शामिल न हों, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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