Type Here to Get Search Results !
विज्ञापन
    TTN24 न्यूज चैनल मे समस्त राज्यों से डिवीजन हेड - मार्केटिंग हेड एवं ब्यूरो रिपोर्टर- बनने के लिए शीघ्र संपर्क करें - +91 9956072208, +91 9454949349, ttn24officialcmd@gmail.com - समस्त राज्यों से चैनल की फ्रेंचाइजी एवं TTN24 पर स्लॉट लेने लिए शीघ्र सम्पर्क करें..+91 9956897606 - 0522' 3647097

बाराबंकी: जादुई इंजेक्शन' बना लूट का हथियार—डॉक्टर बेलगाम, मरीज बेहाल, अफसर मौन

 क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद 

जिला बाराबंकी 

*बाराबंकी जिला अस्पताल बना 'उगाही केंद्र', इलाज से ज्यादा चल रही कमीशनखोरी की दुकान*


*'जादुई इंजेक्शन' बना लूट का हथियार—डॉक्टर बेलगाम, मरीज बेहाल, अफसर मौन*


बाराबंकी। रफ़ी अहमद क़िदवई स्मारक जिला अस्पताल बाराबंकी में इलाज के नाम पर चल रही 'दवा-उगाही' की काली व्यवस्था ने मरीजों की जेब पर सीधा हमला बोल दिया है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निरीक्षण भी इन बेलगाम हालातों के आगे बौने साबित हो रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों को ‘बाहर की दवा’ और महंगे 'जादुई इंजेक्शन' के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है। सिस्टम में जड़ जमा चुकी इस गड़बड़ी ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है। मरीजों की मजबूरी: सरकारी अस्पताल में भी जेब कट रही जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों से 400 से 500 रुपये तक के महंगे इंजेक्शन रोजाना बाहर से लिखवाए जा रहे हैं। दावा किया जाता है कि ये दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं हैं, जबकि योगी सरकार का सख्त आदेश है कि भर्ती मरीजों को बाहर की दवा न लिखी जाए। मगर बाराबंकी में ये आदेश ठेंगा दिखाए जा रहे हैं। 


डॉक्टरों की दबंगई: सवाल पूछने पर मरीज को मानसिक रोगी कह कर अपमानित किया एक मरीज ने बताया कि जब उसने डॉक्टर से बाहर की दवा लिखने का कारण पूछा तो डॉक्टर ने पर्ची फाड़ दी और उसे मानसिक रोगी करार देते हुए फटकार लगाई। यह घटना न केवल अमानवीय व्यवहार को उजागर करती है, बल्कि सिस्टम में फैली निरंकुशता की भी पोल खोलती है। लाखों की रोज़ की वसूली का खेल: सूत्रों के अनुसार, प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों से इस तरह की दवाइयां और इंजेक्शन बाहर से लिखवाकर लाखों रुपये का अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। कमीशनबाजी का यह नेटवर्क वर्षों से सक्रिय है, जिसमें डॉक्टरों, स्टाफ और बाहर की मेडिकल दुकानों की सांठगांठ की चर्चा आम है। 


प्रशासनिक चुप्पी पर उठते सवाल: सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदारी किसकी है? जब सरकार के आदेशों का सरेआम उल्लंघन हो रहा है, तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे क्यों बैठे हैं? सोशल मीडिया पर पहले भी इस अस्पताल की कार्यप्रणाली को लेकर कई वीडियो और शिकायते वायरल हो चुकी हैं, मगर न कोई कार्रवाई हुई, न ही व्यवस्था में सुधार। अब जनपद के जिलाधिकारी की अग्नि परीक्षा: बाराबंकी के तेजतर्रार जिलाधिकारी से अब जनता को उम्मीद है कि वे इस लूटतंत्र पर नकेल कसेंगे। यदि समय रहते सख्त कदम न उठाए गए, तो यह मामला स्वास्थ्य विभाग की साख के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। जनता की मांग है–दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो, मरीजों को राहत मिले। वरना सरकारी अस्पताल मरीजों की मदद करने के बजाय जेब काटने का अड्डा बनते रहेंगे।

Advertisement Advertisement

Advertisement Advertisement

Advertisement Advertisement


Advertisement Advertisement
Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe