*ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश 7 गिरफ्तार,गैंग लीडर निकला B.Tech डिग्रीधारी*
जौनपुर (हुबलाल यादव )
*जौनपुर।* ऑनलाइन विज्ञापनों के माध्यम से भोले-भाले लोगों को ठगने वाले साइबर फ्रॉड गिरोह का थाना सरायख्वाजा पुलिस, सर्विलांस सेल और स्वाट टीम ने मिलकर भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने 10,000 रुपये के इनामी गैंग लीडर सहित कुल 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरोह से 4200 रुपये नकद, एक मोबाइल फोन और अपाचे मोटरसाइकिल (UP62BH0152) बरामद की गई है।गिरफ्तार अभियुक्तों पर फेसबुक पर ट्रैक्टर और भैंस बेचने का झूठा विज्ञापन डालकर लोगों को ठगने का आरोप है।
21 जून को कौशाम्बी के सचिन कुमार मिश्र से 1 लाख रुपये की ठगी की गई।
19 जुलाई को प्रयागराज के विनोद कुमार पाण्डेय से मारपीट कर जबरन पैसे मंगवाने की कोशिश की गई।
दोनों ही मामलों में थाना सरायख्वाजा में FIR दर्ज कर पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में लगी थी।
23 जुलाई की दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि कुत्तूपुर चौराहे के मंदिर परिसर में संदिग्ध लोग मौजूद हैं। तत्काल थाना सरायख्वाजा, स्वाट व सर्विलांस टीम मौके पर पहुंची और पाँच अभियुक्तों को मौके से दबोच लिया। कुछ देर बाद पहुंचे अन्य दो अभियुक्तों को भी घेराबंदी कर हिरासत में ले लिया गया।
गैंग लीडर निकला B.Tech डिग्रीधारी
मुख्य अभियुक्त जितेन्द्र यादव, जो स्वयं B.Tech डिग्रीधारी है, ने पूछताछ में बताया कि उसने ठगी करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी विज्ञापन डालने की योजना बनाई थी। गिरोह पहले विश्वास जीतता, फिर सुनसान जगह बुलाकर मारपीट, धमकी और ऑनलाइन QR कोड के ज़रिए पैसे मंगवाता था।
इस गैंग के सदस्य फेसबुक जैसे माध्यमों पर गाड़ियों और पशुओं के झूठे विज्ञापन डालते थे, और फिर लोगों को शिकार बना लेते थे। समय रहते की गई इस कार्रवाई से कई और संभावित ठगी की घटनाओं को रोका गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम:
जितेन्द्र यादव (गैंग लीडर, 10,000 का इनामी)
धनन्जय यादव
राहुल यादव
विद्यासागर प्रजापति
विकास प्रजापति
अरविन्द वर्मा
आलोक यादव
इनमें से अधिकांश के खिलाफ हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, एससी/एसटी एक्ट सहित दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
सतर्क रहें, जागरूक बनें
जौनपुर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी सोशल मीडिया विज्ञापन पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। ऑनलाइन लेन-देन करते समय सावधानी बरतें। फर्जी विज्ञापन, QR कोड या सुनसान जगहों पर बुलाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।