*भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं और गोवर्धन की कथा*
*रिपोर्ट दीपक अवस्थी 8057802581*
इस दिन भगवान के जन्म और बाल्यकाल की लीलाओं, विशेषकर कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों से मुक्ति की कथा सुनाई जाती है। इसके साथ ही गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाने और इंद्र का अभिमान तोड़ने की कथा भी महत्वपूर्ण है। वासुदेव और देवकी के पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था जो कि कंस के कारागार में हुआ था। वासुदेव ने उन्हें नंद बाबा के घर पहुंचाया और योगमाया ने कंस को धोखा दिया।
इस दिन भगवान कृष्ण की बाललीलाओं का वर्णन किया जाता है, जिसमें पूतना नामक राक्षसी को मारना, यशोदा और नंद बाबा के घर बाललीलाएँ करना आदि शामिल हैं। गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्र का अभिमान तोड़ने की कथा इस दिन विशेष रूप से सुनाई जाती है। इस कथा में भगवान श्रीकृष्ण की महानता और भक्तों की रक्षा की भावना को दर्शाया जाता है।इस दिन भगवान को छप्पन प्रकार का भोग लगाया जाता है और भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाता है। भागवत कथा सुनने से आत्मज्ञान और भगवान की भक्ति जागृत होती है। कथा के माध्यम से संसार के मोह-माया से दूर रहकर परमात्मा की भक्ति में लीन होने का संदेश दिया जाता है। कथा के दौरान जी हां बजरंग सेवा समिति द्वारा व्यास और परीक्षित का फूल माला और अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। वही धार्मिक गीतों पर श्रद्धालु झूमने लगे और कथा सुनकर भाव-विभोर हो गए।
कथा में परीक्षित विमल किशोर बाजपेयी पूर्व प्रवक्ता ज०इ०का० अजीतमल है। कथा का समय दोपहर 2:00 से सायं 6:00 बजे है। कथा के आयोजक अनुज बाजपेयी, अनुराग बाजपेयी,नीरज बाजपेयी, विनीत बाजपेई, विनोद बाजपेयी,प्रमोद बाजपेई एवं समस्त बाजपेयी परिवार है। कथा में व्यस्थापक जी हां बजरंग सेवा समिति के समस्त सदस्य, समस्त नगर वासी,भक्तगण एवं मित्रगण आदि लोग हैं।