कापसी जिला सहकारी बैंक घोटाला दलालों से मोटी कमीशन लेकर नियम विरुद्ध भुगतान।
रिपोर्टर/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
ग्रामीण तुषारी बाई दुग्गा, बिरसों बाई दुग्गा ने बताया दिन भर लाइन में खड़े रहने के बाद किसानों को पैसा खत्म हो गया है बताकर शाम को दलालों द्वारा किसानों के पट्टे में खपाए गए धान की राशि का कमीशन लेकर लाखों रुपए का भुगतान किया जाता है।
*दलालों का खेल*
ग्रामीण शांति बाई, हरीश कुमार, श्रृंगों ध्रुव ने बताया शाखा में अधिक भीड़ होने का फायदा उठाते हुवे विड्रॉल पर्ची बेची जाती है, शाखा के कर्मचारियों से मिली भगत कर दलालों द्वारा किसानों को 300 से 500 प्रति नग विड्रॉल पर्ची बेचा जाता है। इससे यह साफ होता है कि दलालों का खेल चल रहा है और बैंक के अधिकारी इसमें शामिल हैं।
*महिला अकाउंटेंट पर दुर्व्यवहार का आरोप*
ग्रामीण, बाला राम मरकाम, जैनी बाई, सुखियारिन बाई, श्रृंगों बाई उसेंडी ने बताया महिला अकाउंटेंट ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करती है जिससे हम ग्राहकों को भारी परेशानी हो रही है।
*ग्रामीणों की मांग*
ग्रामीण रघ्घु उसेंडी, जयंत मंडावी, तिलक साहू, नोहर सिंह उसेंडी, बिकेल पद्दा, हजारु राम उसेंडी, अनिल दुग्गा, कमलेश उसेंडी ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि इस वर्ष किसानों और दलालों को दी गई राशि की जांच होनी चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि किसानों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जांच नहीं हुई, तो यह घोटाला और भी बढ़ सकता है। साथ ही महिला अकाउंटेंट को कापसी शाखा से जल्द से जल्द हटाया जाए।
इस संबंध में हरनगढ़ ग्राम पटेल रघ्घु राम उसेंडी ने बताया धान की राशि जमा होने पर मैनेजर द्वारा अपनी मनमानी करते हुए किसानों के लिए कभी उन्चास हजार रुपए कभी बीस हजार रुपए का लिमिट तय कर दिया जाता है, कोचिया लोगों के लिए कोई लिमिट नहीं होता किसानों को एक लाख रूपये खाते से निकालने के लिए 5 दिन बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है।
*कार्रवाई की आवश्यकता*
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो शाखा प्रबंधक और अन्य दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस संबंध में शाखा प्रबंधक सुरेश पुरी गोस्वामी से बात करने पर उन्होंने बताया मेरी अनुपस्थिति में एक दो बार किसी-किसी किसान को अधिक राशि दिया गया है जिसके लिए मैंने अपने कर्मचारियों को डांट फटकार लगाई है।