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पखांजूर: प्राधिकृत अध्यक्षओ को दिया गया 25 तारीख तक अल्टीमेटम नहीं तो होगा FIR.

 *बांदे, छोटे बेटियां, कोरेनार लैम्स समिति के उपार्जन केंद्र प्रभारियों को भरना पड़ेगा धान सूखत का पैसा!*


 *प्राधिकृत अध्यक्षओ को दिया गया 25 तारीख तक अल्टीमेटम नहीं तो होगा FIR....*


 *रिपोर्टर /उत्तम बनिक पखांजूर


बांदे, छोटे बेटियां, कोरेनार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति द्वारा वर्ष 2024 और 2025 के शासन द्वारा धान खरीदी नीति के तहत खरीदी की गई, धान खरीदी के पश्चात धान परिधान देर से करने पर जो आई सुखत से कमी का भरपाई प्राधिकृत मनोनीत अध्यक्ष एवं उपार्जन केंद्र प्रभारियों को 25 मई तक धान जमा करना पड़ेगा, नहीं तो शासन के माध्यम से FIR दर्ज होगा,बांदे लैम्स के अंतर्गत उपार्जन केंद्र पीवी 78मे 412 किंटवल लगभग 12 लाख की राशि, बांदे 530कि, लगभग 15 लाख की राशि पी वी 84 291कि, 870000 लाख, पी वी 89मे 339कि, पी वी 99मे 567कि, बेलगाल 308कि, सबसे ज्यादा छोटे बेटिया के पी वी 92 उपार्जन केंद्र में 2432 कि, जिसमें उपकेंद्र रेंगाबाही का सुखत धान जमा किया गया है, जो अभी यह आंकड़ा दिख रहा है वह कम होगी, कोरेनार लैम्स के अंतर्गत भी 700 से 800 कि, कमी बताई गईं है विगत कल शासन के आदेश के अनुसार सीओ रवि कुमार ब्लसारे, जिला सहकारिता बैंक प्रबंधक घनश्याम जरिया, मनोनीत प्राधिकृत अध्यक्ष रामसाय गावड़े बांदे, जगतू उसेंडी छोटे बेटियां, दुर्गू राम नूरेटी कोरेनार एवं लैम्स प्रबंधक अधीर दास, सुभाष विश्वास द्वारा समिति बनाकर बैठक कर उपार्जन केंद्र प्रभारियों को आखिरी अल्टीमेटम दिया गया, अगर बचत धान 25 तारीख तक जमा नहीं करते हैं, 26 तारीख के अंदर उनके नाम से FIRदर्ज किया जाएगा! यह जो सुखत धान का आंकड़ा है 28 फरवरी तक जो धान परिधान हुआ है, उसमें आई कमी का वसूली के लिए निर्णय लिया गया है फिर जो शेष धान बचेगा, इसका निर्णय शासन का आदेश के अनुसार किया जाएगा!

 परलकोट किसान कल्याण संघ के किसान नेता पवित्र घोष ने कहा कि यह जो धान कि सूखत अंतिम में आती है, जिसका भरपाई उपार्जन केंद्र प्रभारी नहीं करते हैं लेकिन हम किसान अपना धान बेचते समय उपार्जन केंद्र प्रभारियों को तोलाई के बाद अतिरिक्त धान स्वेच्छा से प्रभारी को दिया जाता है फिर क्यों उसकी भरपाई नहीं करते हैं जिससे हमारे लैम्स समितियां करोड़ों के नुकसान उठाना पड़ रहा है सीधा-सीधा हमारे किसान भाइयों का हक में ढाका पड़ रहा है अगर इस प्रकार का रवैया रहा तो आगे हम किसान भाई मिलकर एक बड़ी आंदोलन की तैयारी करेंगे!

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