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इटावा/जसवंतनगर: जसवंतनगर में अक्षय नवमी पर विवाहिता और अविवाहित महिलाओं ने आंवले की पूजा की।

 संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270

  मनोज कुमार जसवंतनगर

जसवंतनगर में अक्षय नवमी पर विवाहिता और अविवाहित महिलाओं ने आंवले की पूजा की

जसवंतनगर: राम लीला तिराहे के पास स्थित एक बाग में आज अक्षय नवमी के अवसर पर सुहागिन और अविवाहित कन्याओं ने आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने अक्षय सुहागिन होने की कामना की और अपने पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की।


अक्षय नवमी का महत्व:

अक्षय नवमी हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन को अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।


आंवले के पेड़ का महत्व:

आंवले के पेड़ को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। इस पेड़ की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुहागिन होने की कामना पूरी होती है। आंवले के पेड़ की पत्तियों को भी विशेष महत्व दिया जाता है, जो विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि लाने में मदद करती हैं।

आज के युग में अक्षय नवमी का महत्व:

आज के युग में, जब वैवाहिक जीवन में चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, अक्षय नवमी का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह दिन विवाहित महिलाओं को अपने पति के साथ मजबूत संबंध बनाने और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेरित करता है।

इस अवसर पर जसवंतनगर की महिलाओं ने आंवले के पेड़ की पूजा करने के साथ-साथ अपने पति के साथ मजबूत संबंध बनाने का संकल्प लिया।


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