रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात
*अरावली की महिला सशक्तिकरण की सफलता की कहानी*
*जय पार्वती सखीमंडल महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वावलंबन का बेहतरीन उदाहरण है*
गुजरात के अरावली जिले के मेघराज तालुका के जरदा में स्थित जय पार्वती सखीमंडल महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक बड़ा उदाहरण बन रहा है। गुजरात सरकार की सखी मंडल योजना के तहत स्थापित यह मंडल ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके उनके जीवन में नया उत्साह और आत्मविश्वास ला रहा है। इस सखीमंडल ने अपने संचालन से न केवल आर्थिक सफलता हासिल की है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान का प्रेरक माध्यम भी बन गया है।जय पार्वती सखी मंडल से जुड़ी इंदुबेन पारधी ने कहा, "इस मंडल ने हमारी जिंदगी बदल दी है। पहले हम घरेलू काम तक ही सीमित थे, लेकिन अब हम हल्दी, अदरक जैसे उत्पाद बनाकर आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गए हैं। गुजरात सरकार की सखी मंडल योजना ने हमें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार के अवसर प्रदान करके कमाई के नए अवसर भी दिए हैं।"जय पार्वती सखीमंडल की स्थापना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इस समुदाय में महिलाओं द्वारा हल्दी, अदरक लगाया जाता है और हल्दी और अदरक पाउडर बनाने के लिए प्रसंस्करण किया जाता है। उन्हें सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित मेलों में अपनी उपज बेचने का अवसर भी प्रदान किया जाता है।
गुजरात सरकार की सखी मंडल योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में कारगर उपाय साबित हुई है। इस योजना के तहत महिलाओं को उत्पादों की बिक्री के लिए प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, बाजार से जुड़ाव और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। इन सभी सुविधाओं का लाभ उठाकर जय पार्वती सखी मंडल ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. इस संगठन की महिलाओं ने न केवल उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखी है, बल्कि बाजार की मांग को पूरा करने वाले नवीन उत्पाद और उत्पाद बनाने में भी सफल रही हैं।
जय पार्वती सखी मंडल की सफलता गुजरात सरकार की सखी मंडल योजना की सफलता का प्रतिबिंब है। इस संगठन ने दिखाया है कि यदि महिलाओं को सही अवसर, मार्गदर्शन और समर्थन दिया जाए तो वे अपना जीवन बदल सकती हैं और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।


