विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
एमसीबी जिला मुख्यालय चिरमिरी के जिला अस्पताल, बड़ी बाजार के सामने शासन–प्रशासन की मनमानी
चिरमिरी फिजियोथैरेपी जिला अस्पताल मुख मार्ग से 6 फीट सटकर बनाया जा रहा है नियम के अनुसार गलत कई बड़ी दुर्घटना और हादसा का संकेत फिर भी प्रशासन की अनदेखीएक और गंभीर उदाहरण सामने आया है। यहां फिजियोथैरेपी भवन का निर्माण मुख्य मार्ग से सटाकर कराया जा रहा है, जो नियमों के सीधे उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
नियमों के अनुसार किसी भी मुख्य मार्ग रोड.से कम से कम 6 मीटर छोड़कर निर्माण करना चाहिए जो
अनिवार्य है, लेकिन यहां सड़क से मात्र 6 फीट की दूरी पर निर्माण कराया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि जिस सड़क पर यह निर्माण हो रहा है, उसकी चौड़ाई पहले से ही केवल 5 मीटर है और यह मार्ग कई खतरनाक अंधे मोड़ों और गोलाई वाला है। मार्ग रास्ता है
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क पहले ही हादसों के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। ऐसे में सड़क से सटाकर सरकारी भवन बनाना न सिर्फ यातायात व्यवस्था को बाधित करेगा, बल्कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपात सेवाओं के लिए भी भारी संकट पैदा करेगा।
चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ दिन पहले ही नए जिले के दर्जे के बाद प्रशासन द्वारा शहर के मुख्य मार्गों के चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। आम नागरिकों के अतिक्रमण कब्जा पर सख्त दिशा निर्देश मार्ग चौड़ा का दिए गए, था.लेकिन जब खुद शासन.. की. बारी आई तो नियम तोड़ रहा है तो सवाल उठता है—
क्या नियम सिर्फ आम जनता के लिए हैं?
इस पूरे मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महासचिव से की स्माइल ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने चिरमिरी एसडीएम, तहसीलदार, नगर निगम आयुक्त और अस्पताल प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर निर्माण कार्य को नियमों के अनुरूप करने की मांग की।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से स्पष्ट जवाब देने के बजाय बातों को घुमाया गया, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि कहीं यह निर्माण राजनीतिक दबाव में तो नहीं कराया जा रहा।
स्थानीय लोगों का सीधा सवाल है—यदि भविष्य में इस मार्ग पर कोई बड़ा हादसा या जानलेवा दुर्घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
जिला अस्पताल अधीक्षक?
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी?
एसडीएम या तहसीलदार?
या फिर शासन-सत्ता?
फिलहाल निर्माण कार्य में केवल औपचारिकता निभाते हुए एक कोना थोड़ा पीछे किया गया है, जबकि नियमों के अनुसार पूरा निर्माण 6 मीटर पीछे होना चाहिए या फिर इस स्थान पर निर्माण होना ही नहीं चाहिए, क्योंकि यह इलाका अत्यंत दुर्घटना-प्रवण है।
जब खुद प्रशासन नियमों को ताक पर रखेगा, तो आम जनता से नियम पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है—यही सवाल आज पूरे चिरमिरी में गूंज रहा है।
क्या प्रशासनिक अधिकारी राजनीतिक दबाव पर नहीं करते हैं किसी प्रकार की कार्यवाही चिन्ह मेरी प्रशासनिक अधिकारी।

