महतारी एक्सप्रेस में ईएमटी के ना होने से गई मासूम की जान।
पत्रकार- स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
टी टी एन 24 न्यूज
क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ गए हैं। पखांजूर महतारी एक्सप्रेस 102 में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन नहीं होने से नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने इसे एंबुलेंस सेवा की घोर लापरवाही बताते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।अंजाड़ी गांव की गर्भवती महिला जानो बाई बड्डे को उसके परिजन प्रसव पीड़ा के बाद निजी साधनों से जंगली पगडंडियों और नदी को पार करते हुए मुख्य सड़क तक लाए थे। इसके बाद उन्होंने महतारी एक्सप्रेस 102 को कॉल कर मदद मांगी। एंबुलेंस महिला को अस्पताल लेकर जा रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश, प्रसव एंबुलेंस के अंदर ही हो गया।
परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस में कोई भी प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मौजूद नहीं था जो प्रसव के दौरान और जन्म के बाद नवजात को ज़रूरी चिकित्सकीय सहायता दे पाता। उनकी मानें तो यदि समय पर उचित सहायता मिल जाती, तो शिशु की जान बचाई जा सकती थी।
इस घटना के बाद परिजनों ने एंबुलेंस सेवा पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की गहन जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बीएमओ डॉ. संजीव वैष्णव ने बताया कि जब महिला को अस्पताल लाया गया, तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी। नवजात के मृतक घोषित होने के बाद शव वाहन में परिवार को अंजाडी नदी तक पहुंचाया गया। इस दुखद घटना ने महतारी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में स्टाफ की कमी और शासन की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।