दुर्गकोंदल में स्कूल भवनों की मरम्मत में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ, खंड शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत के आरोप।
पत्रकार - स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
दुर्गकोंदल विकासखंड के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की मरम्मत में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री जतन योजना, समग्र शिक्षा योजना, और विशेष केन्द्रीय मद के तहत स्वीकृत लाखों रुपये के बावजूद, मरम्मत कार्य केवल कागजों पर हुआ है। स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) ने अपने चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर कमीशन लिया है, जिसके कारण मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है।
घटिया काम, लाखों का भुगतान
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि स्कूलों की मरम्मत के लिए स्वीकृत राशि के अनुसार कोई काम नहीं हुआ है। मरम्मत के बाद भी कई भवनों में सीलन (seepage) और अन्य समस्याएँ बनी हुई हैं। आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी ने ठेकेदारों के साथ मिलकर फर्जी बिल और वाउचर लगाकर राशि का आहरण कर लिया है। यह स्थिति शिक्षा के बुनियादी ढाँचे पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।
जाँच और कार्रवाई की मांग
इस मामले को लगातार उजागर करने के बावजूद, खंड शिक्षा अधिकारी ने गड़बड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे उनकी भूमिका और भी संदिग्ध हो गई है। स्थानीय लोगों ने अब जिला शिक्षा अधिकारी महोदय से इस पूरे मामले की गहन जाँच की मांग की है। उनकी प्रमुख माँगें हैं:
* स्कूल भवन मरम्मत में हुई गड़बड़ी की उच्च-स्तरीय जाँच हो।
* गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों से वसूली की जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
* ठेकेदारों से मिलीभगत के आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी को तत्काल पद से हटाया जाए।
यह मामला न केवल सरकारी फंड के दुरुपयोग का है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता से भी जुड़ा है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या कार्रवाई करता है।
