क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*CHC सिरौलीगौसपुर में लापरवाही और भ्रष्टाचार चरम पर, डॉक्टरों ने उपमुख्यमंत्री के निर्देशों को दिखाया ठेंगा*
सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) सिरौलीगौसपुर एक बार फिर अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अस्पताल की हकीकत सामने आ गई है, जहां मरीजों को न तो अस्पताल की दवाएं मिल रही हैं, न ही समय से इलाज।एक वायरल वीडियो में एक मरीज दावा करता दिख रहा है कि उसे CHC के डॉक्टर ने बाहर की निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर किया। मरीज के मुताबिक, यह दवाएं डॉक्टर द्वारा लिखी गई थीं और अस्पताल में उपलब्ध नहीं कराई गईं। यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह ध्यान दिया जाए कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सरकारी अस्पतालों में किसी भी मरीज को बाहर की दवाएं न लिखी जाएं। अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि सभी आवश्यक दवाएं वहीं उपलब्ध कराई जाएं ताकि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।लेकिन CHC सिरौलीगौसपुर में डॉक्टर उपमुख्यमंत्री के इन निर्देशों को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। यह लापरवाही और अनियमितता न केवल सरकारी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि गरीबों के इलाज के अधिकार का खुला उल्लंघन भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। अस्पताल में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जाती है और अधिकतर दवाएं मरीजों को बाहर से ही खरीदनी पड़ती हैं। इससे गरीब तबके के लोग, जो पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और अधिक परेशान हो जाते हैं। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही दोषी डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार हर नागरिक को सस्ता, सुलभ और ईमानदार इलाज मिल सके।