बांदे : बैंक शाखा प्रबंधक की मनमानी से हजारों उपभोक्ता परेशान।
रिपोर्टर/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित जगदलपुर शाखा बांदे के शाखा प्रबंधक घनश्याम झारियां पर मनमाने समय में कार्यालय पहुंचने और देरी से पैसा वितरण करने का आरोप लगा है।ग्रामीणों का कहना है, कि शाखा प्रबंधक घनश्याम झारियां पखांजूर में रहते हैं और स्वयं के वाहन में बांदे आना- जाना करते है,
कैस लिमिटेशन (लाना ले जाना) का लाभ उठाने के लिए स्वयं अकेले बिना किसी सुरक्षा के लाखों रुपए लेकर रोजाना डेढ़ से दो बजे शाखा में पहुंचते हैं।
मैनेजर की अनुपस्थित में बैंक का सारा काम ठप पड़ा रहता है, जबकि कैस लिमिटेशन का कार्य कैशियर का होता है।
मैनेजर के द्वारा रुपए लाने ले जाने हेतु स्वयं के वाहन का उपयोग कर बैंक से लगभग 1500 रुपए किराया वसूलने के खेल में खामियाजा हजारों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता हैं।
*ग्रामीणों को होती है परेशानी*
बांदे शाखा में पांच हजार से अधिक खाताधारक है, जो दूर अंचल ग्राम रेंगावाही, कुरेनर, पानावार, छोटेबेठीया, लगभग 30- 40 किलोमीटर दूर से आते है, और मैनेजर के पखांजूर से आने की प्रतीक्षा करते है,
बैंक में पैसा होने के बावजूद मैनेजर के ना होने से छोटे-मोटे रकम निकालने वाले ग्राहकों को सुबह से शाम तक बिठाया जाता है।
शाखा प्रबंधक अपने मनमानी करते हुए प्रत्येक शुक्रवार को अपने घर भानुप्रतापपुर चले जाते है, प्रबंधक की अनुपस्थित में शनिवार को बैंक शाखा से जुड़े अन्य कार्य, केवाईसी, ए टी एम कार्ड वितरण, नवीन खाता खोलने, खाता में नाम जोड़ने जैसे कार्य नहीं हो पाता है। प्रबंधक के मनमानी से क्षेत्रीय ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है।
*उच्च अधिकारियों से साठ- गाठ*
मैनेजर घनस्याम झारियां के विरुद्ध अनेकों शिकायत होने के बावजूद भी उच्च अधिकारियों से साठ- गाठ कर पिछले तीन वर्ष से बांदे शाखा में प्रबंधक के पद पर पदस्थ है।
*ग्रामीणों ने की शिकायत*
ग्रामीण, लखमू, धनाऊ राम, रमेश कुमार, हरीश, कमलेश कुमार ने नई दुनिया समाचार पत्र के माध्यम से शाखा प्रबंधक घनश्याम झारियां की मनमानी की शिकायत करते हुए तीन साल से एक ही स्थान में पदस्त कर्मचारी को जल्द से जल्द स्थानांतरण करने की मांग की है।
अब देखना यह है कि बैंक प्रबंधन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
नाम न छापने के शर्त पर बैंक कर्मचारियों ने बताया भारतीय स्टेट बैंक शाखा पखांजूर से पैसा लाने ले जाने हेतु कैशियर एवं लेखपाल को अधिकृत किया जाता है, परंतु मैनेजर के द्वारा पखांजूर में रहकर अपने निजी वाहन में कैस लिमिटेशन किया जाता है,एवं स्वयं के वाहन का कैस लिमिटेशन किराया लिया जाता हैं, जब तक मैनेजर आकर कैस को रिलीव नहीं करते तब तक पिछले दिन में शेष बचे राशि को वितरण करने का पावर हमारे पास नहीं होता है, छोटी रकम कैस वितरण के लिए भी मैनेजर का इंतजार करना ही पड़ता है।
इस संबंध में शाखा प्रबंधक घनश्याम झारियां से बात करने पर उन्होंने बताया स्टेट बैंक पखांजूर से कैश रिलीव देरी से होता है जिस कारण बैंक पहुंचने में थोड़ा लेट हो जाता है।
इस घटना से यह समझा जा सकता है कि मैनेजर को मुख्यालय बांदे में रहकर अपनी सेवा देने की आवश्यकता है, परंतु कैस लिमिटेशन किराया लगभग 1500 रुपए वसूलने के चक्कर में हजारों उपभोक्ताओं को रोजाना सुबह से शाम तक बैंक में बिठाकर परेशानियों में डाला जाता है।
इस संबंध में सीईओ ए एस ध्रुव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित जगदलपुर से बात करने का प्रयास किया गया परंतु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।