*गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन*
*मीडिया कोऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा बोले*
*सकारात्मक पत्रकारिता समाज में उम्मीद, प्रेरणा और रचनात्मकता को बढ़ावा देती है*
*समाज में बदलाव के लिये सरकार के साथ-साथ मीडिया संस्थाओं की भी जिम्मेदारी*
*मीडिया संगठन पत्रकारों को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करें*
*नायब सरकार पत्रकारों को सुरक्षा के साथ-साथ, पत्रकारिता के लिए 'इको फ्रेंडली" माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध*
*प्रेस की स्वतंत्रता मे "सत्य, निष्पक्षता व जवाबदेही होनी चाहिए: अशोक छाबड़ा*
रिपोर्ट मोहित गुलाटी
*हिसार 03 मई।* हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के "मीडिया कोऑर्डिनेटर" अशोक छाबड़ा ने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता एक ऐसा माध्यम है, जो समाज में उम्मीद, प्रेरणा और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। यह नकारात्मकता और सनसनीखेज खबरों के बजाय उन "विषयों" पर केंद्रित होती है जो मानवीय मूल्यों, उपलब्धियों और समाधानों को उजागर करती हैं। इसलिए हमें जो समाचार समाज को मजबूती के साथ जोड़ने का काम करता हो उसे पर हमें तथ्यात्मक रूप से मजबूत तथ्यों के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए। समाज में बदलाव के लिये सरकार के साथ-साथ मीडिया और अखबारों की भी जिम्मेदारी है।अशोक छाबड़ा ने कहा कि आम जनता स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें, विश्वसनीय स्रोतों से खबरें पढ़ें और दुष्प्रचार का विरोध करें। पत्रकार नैतिकता और निष्पक्षता बनाए रखें, डिजिटल सुरक्षा अपनाएं। मीडिया संगठन पत्रकारों को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करें। इस विश्व प्रेस दिवस पर संकल्प लें कि हम निष्पक्ष पत्रकारिता को और मज़बूत करेंगे। प्रेस की आज़ादी सिर्फ़ पत्रकारों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की आज़ादी है। अशोक छाबड़ा आज हिसार मे गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने पत्रकार साथियों से संवाद कर रहे थे। कार्यक्रम में अशोक छाबड़ा को सममानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जीजेयू के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज दयाल ने की। कार्यक्रम के संयोजक डॉ मिहिर रंजन पात्र,जम्भ शक्ति संस्था के अध्यक्ष विकास गोदारा, भाजपा प्रदेश मीडिया के सह प्रभारी शमशेर खरक, संदीप आजाद, पूर्व सरपंच संगठन के प्रदेश प्रधान सोमेश एडवोकेट समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में हिसार जोन के सैकड़ो पत्रकारों ने भाग लिया।
*विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मानते हुए इसके महत्त्व को समझें*
हरियाणा मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि वर्ष 2025 के लिए अपने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मानते हुए इसके महत्त्व को समझें कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस लोकतंत्र, जवाबदेही और एक सूचित समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण है। जबकि हम साहसी पत्रकारों का सम्मान करते हैं। हमें प्रेस की स्वतंत्रता के लिए सतर्क रहना चाहिए, गलत सूचनाओं के खिलाफ लड़ना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्य और पारदर्शिता हर देश की उन्नति और न्याय का आधार हों। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि एक स्वतंत्र प्रेस समाज का दर्पण और लोकतंत्र का प्रहरी है। यह दिन न केवल पत्रकारों के साहस का सम्मान करता है, बल्कि हमें सच्चाई, पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एकजुट होने का आह्वान करता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 3 मई को मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का जश्न मनाता है, दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति का आकलन करता है, मीडिया को उनकी स्वतंत्रता पर हमलों से बचाता है और अपने पेशे का अभ्यास करते हुए जान गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
*प्रेस हमें सच्चाई से जोड़ने के साथ-साथ सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करता*
हरियाणा मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि प्रेस हमें सच्चाई से जोड़ता है, सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करता है और समाज की आवाज को बुलंद करता है। 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया, ताकि पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को बढ़ावा मिले। इस वर्ष 2025 की थीम, “नवीन साहसी दुनिया में रिपोर्टिंग "प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव”, हमें एआई के पत्रकारिता पर प्रभाव को समझने की प्रेरणा देती है। लेकिन दोस्तों, पत्रकारिता आसान नहीं है। भारत में, संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। हरियाणा की नायाब सरकार पत्रकारों को प्रदेश में पत्रकारिता के लिए 'इको फ्रेंडली" माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए, हम सब मिलकर प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करें। पत्रकारों की सुरक्षा और सच्चाई की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है।
*नैतिकता के मुद्दों पर चिंतन करने का दिन*
यह सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। यह मीडिया पेशेवरों के बीच प्रेस की स्वतंत्रता और पेशेवर नैतिकता के मुद्दों पर चिंतन करने का दिन है।
यह उन मीडिया का समर्थन करने का दिन है जो प्रेस की स्वतंत्रता के प्रतिबंध या उन्मूलन के लक्ष्य हैं। यह नागरिकों को प्रेस स्वतंत्रता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने का अवसर है।
*सकारात्मक पत्रकारिता का महत्व*
मुख्यमंत्री मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता लोगों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है। मिसाल के तौर पर, किसी छोटे शहर के युवा की कहानी जो अपनी मेहनत से तकनीकी नवाचार लाया, दूसरों को भी कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। नकारात्मक खबरों के बीच सकारात्मक पत्रकारिता एक संतुलन बनाती है, जिससे लोगों का भरोसा व्यवस्था और मानवता में बना रहता है। हाल ही में भारत के किसी गांव ने पूरी तरह से सौर ऊर्जा को अपनाकर बिजली की समस्या हल कर ली। ऐसी खबरें न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती हैं, बल्कि दूसरों के लिए मिसाल भी बनती हैं। मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि कोई शिक्षक जो ऑनलाइन मुफ्त शिक्षा देकर लाखों बच्चों तक पहुंचा,उसकी कहानी आज के डिजिटल युग में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक हो सकती है। 2025 में, जब दुनिया तेजी से बदल रही है-तकनीक, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक मुद्दों के बीच-लोगों को ऐसी खबरों की जरूरत है जो उन्हें हताश न करें, बल्कि आगे बढ़ने की प्रेरणा दें। उदाहरण के लिए, यदि कोई स्टार्टअप महिलाओं को रोजगार देने में सफल हो रहा है, तो यह नारी सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। सकारात्मक पत्रकारिता का मतलब केवल "अच्छी खबरें" देना नहीं है, बल्कि सच को इस तरह पेश करना है कि वह लोगों में ऊर्जा और विश्वास जगाए। आज के दौर में, जब सोशल मीडिया के एक वर्ग में नकारात्मकता का बोलबाला है, ऐसे में सकारात्मक पत्रकारिता एक रोशनी की वह किरण है,जो समाज को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। हाल ही में हिसार जिले के एक गांव में लोगों ने एक बंद सरकारी स्कूल को अत्याधुनिक निःशुल्क पुस्तकालय में बदल दिया। यह सामुदायिक सहयोग और शिक्षा के प्रति जागरूकता का शानदार उदाहरण है। ऐसी खबरें नई पीढ़ी को प्रेरित करती हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव को दर्शाती हैं।
*हरियाणा सरकार का पत्रकारों के प्रति मित्रता का भाव*
मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पत्रकारों को समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए उनके कल्याण और सम्मान के लिए कई सकारात्मक नीतियां लागू की हैं। ये कदम न केवल उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करते हैं, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को भी प्रोत्साहित करते हैं। सरकार ने पत्रकारों के हित में समय-समय पर कई नीतिगत और सकारात्मक कदम उठाए हैं, जो उनकी सुरक्षा, सम्मान और कल्याण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।
*स्वास्थ्य बीमा सुविधा,पेंशन योजना,प्रेस मान्यता और सुविधाएं के साथ-साथ आवास और अन्य सहायता*
मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा किहरियाणा सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकारी कर्मचारियों के समान स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया। जिसमें पत्रकारों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। यह कदम पत्रकारों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी राहत है। सरकार ने वरिष्ठ पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लागू की है। इसके तहत, 60 वर्ष से अधिक आयु के पात्र पत्रकारों को मासिक पेंशन प्रदान की जाती है, जो उनकी आजीविका को सहारा देती है। यह योजना खास तौर पर उन पत्रकारों के लिए लाभकारी है जो सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं। हरियाणा सरकार ने पत्रकारों को प्रेस मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया है। मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकारी कार्यक्रमों में भागीदारी, परिवहन सुविधाएं और अन्य लाभ दिए जाते हैं, जिससे उनका कार्य आसान होता है। कुछ मामलों में, सरकार ने पत्रकारों के लिए किफायती आवास योजनाओं को बढ़ावा दिया है। साथ ही, आपात स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था भी की गई है, जैसे कि कोविड-19 महामारी के दौरान पत्रकारों को राहत पैकेज दिए गए थे।
*वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियाँ*
मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि दुर्भाग्यवश, आज विश्व भर में प्रेस की स्वतंत्रता कई चुनौतियों का सामना कर रही है। विश्व भर में सेंसरशिप, फर्जी खबरों का प्रसार, और पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं। यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों पत्रकारों ने सत्य को सामने लाने के लिए अपनी जान गंवाई है। इसके अलावा,डिजिटल युग ने नई चुनौतियाँ ला दी हैं। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने जहाँ सूचना के प्रसार को आसान बनाया है, वहीं गलत सूचनाओं और प्रचार तंत्र ने पत्रकारिता की विश्वसनीयता को खतरे में डाल दिया है। पत्रकारों को न केवल सत्य को सामने लाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है, बल्कि उन्हें ट्रोलिंग, साइबर हमलों, और आर्थिक दबावों का भी सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम के निदेशक विभागाध्यक्ष जनसंचार प्रो.मनोज दयाल ने सभी अतिथियों व पत्रकारों का स्वागत किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में पत्रकारिता से जुड़े सिद्धांतों पर चर्चा की और कहा कि जहां स्वतंत्रता है वहीं जिम्मेदारी भी है। भारत में मीडिया स्वतंत्र रूप से कार्य करता है और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है। उन्होंने बताया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से मीडिया को डरने की जरूरत नहीं है। इससे सभी को सीख कर आगे बढ़ने की जरूरत है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ मिहिर रंजन पात्र ने कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि जम्भ शक्ति संस्था के साथ आयोजित यह कार्यक्रम विभिन्न मीडिया क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों के सम्मान में किया गया है। ये सभी दिन रात मेहनत करके हमें सटीक सूचनाएं देते है। ऐसे में इनके बहुमूल्य योगदान को सहराने की जरूरत है। जम्भ शक्ति संस्था के अध्यक्ष विकास गोदारा ने सभी पत्रकारों को एक मंच पर लाने में अहम भूमिका निभाई । उन्होंने प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य हर पत्रकार को उसके बेहतरीन काम के लिए उत्साहित करना है। इस प्रकार के आयोजन से इन सब में नई ऊर्जा का संचार होगा। कार्यक्रम में लगभाग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग से प्रोफेसर उमेश आर्य, डॉक्टर सुनैना, डॉक्टर कुसुम लता, डॉक्टर भूपेन्द्र सिंह, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहें।