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इटावा: टप्पे बाजों ने महिला के बैग से उड़ाये लाखों रुपयों के आभूषण।

 संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा व्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270


टप्पे बाजों ने महिला के बैग से उड़ाये लाखों रुपयों के आभूषण.

यू पी अजब है यू पी गजब है. यहाँ के पुलिस मुलाजिम बेमिशाल के है.

रीता यादव पत्नी संतोष कुमार यादव,जो सेना से रिटायर्ड है बे बढ़पुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत उदी गली नंबर 6,उदी बाह रोड़ निवासी है 

उनकी पत्नी रीता यादव दिनांक 11:11:24,को बस स्टेण्ड तिराहे से अपने दो नावालिक बच्चो के साथ अनंतराम गाँव में जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थीं. तभी एक ऑटो चालक जिसका नंबर यू पी 75 बी. टी. 1784 उनके पास आता है. और उनको अपने ऑटो में बैठा लेता है. उनका ट्राली बैग ऑटो की छत पर रखता है. रीता के मना करने के बाबजूद भी वह नहीं मानता है. और भरोसा दिलाता है आप बेधडक रहिये. कुछ भी नहीं होगा. आगे चलकर अन्य तीन लोगों को ऑटो में लटका लेता है.

कुछ दूरी चलने के बाद बे तीनों उतर जाते है.

ज़ब रीता अपने गंतव्य पर पहुँचती है. तो ऑटो बाला उतार कर ऑटो दौड़ा ले जाता है. ज़ब उनकी निगाह अपने ट्रॉली बैग पर जाती है. तो उसके होश उड़ जाते है. बैग का लॉक टूटा हुआ था.हारी थकी रीता पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराती है पहले तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज ही नहीं करती है पर उच्चधिकारियों से शिकायत के बाद रिपोर्ट दर्ज होती है.

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कुछ दिनों के बाद पुलिस को दो संदिग्ध मिलते है.उनको पकड़ लेती है. जो आपस में पति पत्नी थे.

थाना फ्रेड्स कॉलोनी में रीता यादव से पूर्ब अनिल कुमार निवासी जमुहा थाना दिविया पुर जिला औरैय्या ने 22 फ़रवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी का पर्स किसी ने चोरी कर लिया है. जिसमें कुछ आभूषणों के अलावा नकदी भी थी चोरी कर लिया है.

जो चोर पकड़े गये है उनके कब्जे से सोने की दो अंगूठी, चांदी के आठ विछिया, एक करधनी के अलावा 11,100 नकद बरामद हुये है.जो रीता यादव के नहीं होते है. अब पुलिस का असली दिमाग़ चलता है रीता यादव व अन्य एक व्यक्ति की चोरी का भी इल्जाम इसके ऊपर लगाकर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जाता है.

 बाइट पीड़िता  रीता यादव व संतोष यादव

अब प्रश्न ये आता है अगर इन्होने ही रीता यादव के ट्रॉली बैग से ज़ेवर चुराए है बो कहाँ है.

कहीं पर छुपाए है तो वहाँ पुलिस ने दविस क्यों नहीं दी. और अगर कहीं पर बेचे है तो खरीददार से पूछ ताछ क्यों नहीं की गई.

केवल चोरी का इल्जाम चोरों पर डालकर खुलासा करना और बाहबाही लूटना पुलिस का काम रह गया है.

आपने ज़ब बर्दी धारण की थी तब आपने अपनी कर्तव्य निष्ठा की शपथ ली थी. क्या वह झूठी कसम ली थी.

आपने तो नकली खुलासा कर दिया. पर पीढ़ीतों को इससे क्या फायदा मिला. जरा बताएंगे अधिकारीगण,

पीड़िता रीता यादव का कहना है. हमारा जेवरों का खाली डिब्बा ही पुलिस हमको दिखादे तो हमको यकीन हो जायेगा कि पुलिस ने हकीकत के चोरो को पकड़ा है. यदि ऐसा नहीं होता है तो हम उच्चधिकारियों को इनकी कार्य शैली को अवगत कराने के अलावा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भी करेंगे. कहीं भी न्याय न मिलने पर हम फिर कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे.

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