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हरदोई: स्वास्थ्य मंत्री के निजी निवास मल्लावां में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की हालत जर्जर।

 संवाददाता: चन्दगीराम मिश्रा 

स्वास्थ्य मंत्री के निजी निवास मल्लावां में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की हालत जर्जर।

जर्जर बिल्डिंग गिरने से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा विभाग बना मौन

हरदोई 

मल्लावां नगर में वर्ष 1987 से किराए के भवन में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चल रहा है। समय के मुताबिक यह भवन अत्यधिक जर्जर हो गया है। दीवारों पर और छतो पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई है देखरेख के अभाव में यह कभी भी गिर सकता है जिससे चिकित्सालय में डॉक्टर फार्मासिस्ट एवं मरीजों के साथ भी हादसे हो सकते हैं लगातार कई बरसाते झेल रहा यह भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि बरसात के समय यह भवन एक तालाब का रूप ले लेता है छतों और दीवारों से आने वाला पानी कमरों में भर जाता है

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 जिससे अस्पताल में रखी हुई आयुर्वेदिक दवाओं को नुक्सान पहुंचाता है वर्तमान समय में डॉक्टर के अभाव में चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल क्या आगामी बरसात को झेल पाएगा। जैसा कि सूत्रों से मालूम हुआ है कि इस जर्जन भवन के विषय में कई बार उच्च स्तर पर अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है और 2023 में वर्तमान जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के द्वारा अन्यत्र भूमि चिन्हित करने के लिए एसडीएम बिलग्राम को एक पत्र भी जारी किया था लेकिन अभी तक इस आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए न भूमि चिन्हित हुई ना जिला अधिकारी के पत्र पर कोई कार्यवाही की गई । जबकि मल्लावां नगर में ही तमाम ऐसी सरकारी बंजर ,बचत की जमीनें हैं जो यहां के भूमाफियाओं के कब्जे में है जिसको चिन्हित करने का कोई भी अधिकारी कर्मचारी अभी तक नहीं आ रहा।शासन स्तर पर आयुर्वेदिक अस्पतालों को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। पर्याप्त दवाई होते हुए भी एक फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल को संचालित किया जा रहा है आखिर क्यों कोई डॉक्टर इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में रुकना नहीं चाहता।


चिकित्सालय के विषय में और जानकारी के लिए जब क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी आशा रावत से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। जैसा कि सूत्रों से जानकारी मिली है कि वर्तमान में एक युवा डॉक्टर यहां आया भी था लेकिन उसने अपनी नौकरी से व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है जो फिलहाल अभी मंजूर नहीं हुआ।

 अस्पताल की दुर्दशा तो प्रशासनिक अव्यवस्था या अनदेखी के चलते यहां के जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं देना चाहते नगर के लोगों ने यहां से चुने हुए जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद, अध्यक्ष नगर पालिका से मांग की है कि इस जर्जर आयुर्वेदिक अस्पताल को नया भवन दिलाए जाने की व्यवस्था करें जिससे आम जनमानस के बीच में आयुर्वेदिक दवाओं का व्यवस्थित तरीके से लाभ मिल सके और आने वाली आगामी बरसात में इस जर्जर भवन के चलते कोई हादसे का शिकार न होने पाए।

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