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इटावा/जसवंतनगर:जैन धर्मावलम्बियों ने अक्षय तृतीया पर्व पर गन्ने का रस वितरण कर मनाया।

 संवाददाता:एम.एस वर्मा( इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी उत्तर प्रदेश 6397329270)

   मनोज कुमार जसवंतनगर (7409103606)


शुक्रवार आज अक्षय तृतीया पर्व पर गन्ने का जूस वितरण कर तीर्थंकर आदिनाथ की पूजा कर मनाया गया।

नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन एव श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर लुधपुरा में आदिनाथ भगवान की पूजा की गई।उल्लेखनीय है कि सृष्टि निर्माता आदिनाथ भगवान मुनि अवस्था मे एक वर्ष की तपस्या कर आहार को निकले तो उनका प्रथम पारणा गन्ने के रस का हस्तिनापुर नगरी में राजा श्रेयांस के यहाँ हुआ था। उसी दिन की तिथि वैसाख शुक्ल तृतीया के दिन से हर वर्ष अक्षय तृतीया पर्व सम्पूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाने लगा इस अवसर पर जैन मंदिर में इच्छुक रस वितरण के साथ शाम के समय आरती भक्ति उपरांत भगवान आदिनाथ के जीवन से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगिता सपंन्न हुई।


 जसवंतनगर में जैन धर्मावलम्बियों ने गन्ने के रस निकलवा कर घरों में भिजवाया दिन भर चले इस कार्यक्रम में महिला मंडल से साधना जैन,कनकलता जैन,संध्या जैन,मोनिका जैन,अमिता जैन,ममता जैन,गीता जैन,आदि महिलाओ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

*अक्षय तृतीया विसेष पर्व क्यों*

आपको बता दे कि अक्षय तृतीया का दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है। आज के दिन सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है।आज ही के दिन त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है। कहते हैं आज के दिन किये गये कार्यों से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। अक्षय' यानि जिसका कभी क्षय न हो, वह अक्षय है। लिहाजा इस दिन जो भी शुभ कार्य, पूजा पाठ या दान-पुण्य आदि किया जाता है, वो सब अक्षय हो जाता है।

शुभ कार्यों या दान-पुण्य के अलावा आज के दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने का भी महत्व है। आज के दिन पितरों के लिए घट दान, यानि जल से भरे हुए मिट्टी के बर्तन का दान जरूर करना चाहिए। गर्मी के इस मौसम में जल से भरे घट दान से पितरों को शीतलता मिलती है।


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