Type Here to Get Search Results !
BREAKING

आलोट:भक्ति दिमाग से नहीं दिल से होती है। रसिकानंद

संवाददाता: डॉक्टर सुनील चोपड़ा 


आलोट। व्यक्ति को समय का मौल और सदुपयोग करना सीखना और समझना चाहिए, वरना रावण जैसे महाज्ञानी भी कल के भरोसे समय को समय नही दिया तो समय ने भी उसे समय नही दिया था। इसलिए बीत गया उसे छोड़ो एक नई शुरुआत करो। 

     यह विचार रसिकानंदजी महाराज वृंदावन ने श्री कुबरेश्वर धाम महादेव मंदिर परिसर में समिति व्दारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के प्रथम दिन रविवार को कथा वाचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि भक्ति दिमाग से नही दिल से होनी चाहिए जैसे मीरा, घ्रुव, प्रहलाद ने दिल से भक्ति की और भगवान को पाया। 


    रसिकानंदजी ने कहा कि संसार में भागवत जनकल्याण का कार्य करती है। मंजिल दर मंजिल तक पहुँचने के कई साधन है लेकिन आत्मा को परमात्मा से मिलाने का तो एकमात्र साधन केवल साधना ही है। 

     उन्होंने भागवत श्लोक का वाचन कर उसका विस्तार से वर्णन किया और कहा कि भागवत हमें सत्य, प्रकाश और आनंद का दर्शन कराती है इसलिए प्रत्येक घर में भागवत और इसका अध्ययन भी करना चाहिए। तभी कल्याण संभव होगा। 

    कथा शुभारंभ के पूर्व कलश, पौथी एवं कथावाचक की नगर में एक शोभायात्रा ढोल-ढमाकों, बैन्ड-बाजों के साथ निकाली गई जो मुख्य मार्गो से होती हुई कथा स्थल पहुँची और विधिवत कथा वाचन की शुरुआत की गई। यात्रा में सिर पर कलश लेकर महिलाएं-बालिकाएं एवं कैलाश मेहता पौथी उठाकर व बग्धि में कथावाचक सवार तथा बड़ी संख्या मे महिला-पुरुष शामिल थे।



Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe