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बोकारो: बोकारो सिविल कोर्ट में ऐतिहासिक पल: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन

 लोकेशन बोकारो से नेशनल हैड लीगल एडवाइजर अधिवक्ता राजेश कुमार की विशेष रिपोर्ट।

 एंकर। बोकारो सिविल कोर्ट में ऐतिहासिक पल: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन

बोकारो, झारखंड: 6 सितंबर 2025 को बोकारो सिविल कोर्ट परिसर में एक ऐतिहासिक और यादगार पल का साक्षी बना, जब झारखंड हाई कोर्ट के माननीय चीफ जस्टिस श्री तालों से चौहान, प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री आनंद सेन, न्यायमूर्ति श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और उनके परिवार ने बोकारो का दौरा किया। इस अवसर पर बोकारो जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्रा, श्रम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री रवि कुमार रंजन, बोकारो के उपायुक्त श्री अजय नाथ झा और पुलिस अधीक्षक के सहयोग से एक भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसने इस दिन को अविस्मरणीय बना दिया।

बोकारो में ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

इस अवसर का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण बोकारो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) और जिला अधिवक्ता संघ के सहयोग से स्थापित ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन था। यह ई-लाइब्रेरी झारखंड के किसी जिला न्यायालय में अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका उद्घाटन स्वयं माननीय चीफ जस्टिस श्री तालों से चौहान ने किया। इस परियोजना को बोकारो जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन और जिला अधिवक्ता संघ के सक्रिय सहयोग से मूर्त रूप दिया गया।

ई-लाइब्रेरी के लिए जिला अधिवक्ता संघ को कंप्यूटर दान में दिए गए, जिससे अधिवक्ताओं और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों को कानूनी संसाधनों तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित हो सके। यह पहल न केवल तकनीकी उन्नति की दिशा में एक कदम है, बल्कि बोकारो को झारखंड के न्यायिक परिदृश्य में एक अग्रणी जिला के रूप में स्थापित करती है।


*आयोजन में सहयोग और योगदान*

इस यादगार आयोजन को सफल बनाने में बोकारो जिला प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बोकारो के उपायुक्त श्री अजय नाथ झा, जिन्हें हाल ही में बोकारो का डीसी नियुक्त किया गया, और पुलिस अधीक्षक ने इस आयोजन को सुचारु और सुरक्षित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साथ ही, श्रम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री रवि कुमार रंजन और अन्य अधिकारियों ने इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप प्रदान किया। 


बोकारो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सूत्रधारों और अतुल कुमार जैसे व्यक्तियों के अथक प्रयासों ने इस ई-लाइब्रेरी को न केवल एक डिजिटल पुस्तकालय के रूप में स्थापित किया, बल्कि इसे एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत किया, जो अन्य जिलों के लिए अनुकरणीय हो सकता है। अतुल कुमार ने इस अवसर पर ई-लाइब्रेरी की विशेषताओं और इसके महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और अधिवक्ताओं को इसकी उपयोगिता का स्पष्ट आभास हुआ।


ई-लाइब्रेरी: एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत

यह ई-लाइब्रेरी न केवल अधिवक्ताओं, बल्कि आम जनता और कानून के छात्रों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कानूनी साहित्य, केस लॉ, और अन्य संसाधन न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाएंगे। इस पहल से बोकारो जिला न्यायालय ने तकनीक और न्याय के बीच एक सेतु स्थापित किया है, जो भविष्य में और अधिक नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करेगा।


*एक यादगार पल का संरक्षण*

इस ऐतिहासिक आयोजन को संजोकर रखने के लिए सुझाव दिया गया कि इस अवसर की सभी तस्वीरों, वीडियो और दस्तावेजों को एक एल्बम में संकलित किया जाए। यह एल्बम न केवल इस दिन की स्मृतियों को जीवित रखेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। बोकारो जिला अधिवक्ता संघ और जिला प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाने की योजना बनाई है, ताकि इस उपलब्धि को भविष्य में भी गर्व के साथ याद किया जा सके।

बोकारो: मिनी भारत का गौरव

बोकारो, जो 1991 में धनबाद और गिरिडीह जिलों के हिस्सों को मिलाकर गठित किया गया था, न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औद्योगिक विकास के लिए जाना जाता है, बल्कि अब यह न्यायिक नवाचार के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है। छोटानागपुर पठार पर स्थित यह जिला, अपनी विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना के कारण 'मिनी भारत' के रूप में जाना जाता है। इस ई-लाइब्रेरी के उद्घाटन ने बोकारो को एक नई पहचान दी है, जो तकनीकी और कानूनी क्षेत्र में प्रगति का प्रतीक है। 


निष्कर्ष

6 सितंबर 2025 का यह दिन बोकारो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। माननीय चीफ जस्टिस श्री तरलोक सिंह चौहान, प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री आनंद सेन, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया। बोकारो जिला एवं सत्र न्यायालय, जिला प्रशासन, और अधिवक्ता संघ के संयुक्त प्रयासों से स्थापित यह ई-लाइब्रेरी न केवल बोकारो, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक गर्व का विषय है। यह पहल न्यायिक प्रणाली में डिजिटल क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है, जो भविष्य में और अधिक नवाचारों की नींव रखेगी।


इस यादगार पल को संजोकर रखने के लिए, बोकारो जिला प्रशासन और अधिवक्ता संघ को इस आयोजन की सभी सामग्रियों को एक एल्बम में संकलित करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए। यह न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज होगा, बल्कि यह भविष्य में भी प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत बनेगा।



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