8 महीने बाद भी नहीं मिला बांस कटाई का भुगतान, त्योहारी सीजन में 70 मजदूरों के चेहरे पर छाई मायूसी।
पत्रकार- स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
पश्चिम वनपरिक्षेत्र बांदे के बॉलिगढ़ (ए) में बांस कटाई का काम करने वाले 70 मजदूरों को 8 महीने बाद भी उनका मेहनताना नहीं मिला है, जिससे वे भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में मजदूरी न मिलने से उनके घरों में मायूसी छाई हुई है।मिली जानकारी के अनुसार, इन मजदूरों को सितंबर महीने में वन विभाग द्वारा बांस कटाई के काम में लगाया गया था, जिसमें टेकामेटा, बॉलिगढ़, भुरबुशी गाँवों के मजदूर शामिल थे। इस काम के बदले उन्हें कुल 11 लाख 37 हजार 410 रुपये का भुगतान किया जाना था, जो अब तक नहीं हुआ है।
मजदूरों को काम पर लगाने वाले धानीराम दुग्गा ने बताया कि मजदूर अब उनसे ही अपने पैसे मांग रहे हैं। वे कई बार वन विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगा चुके हैं, यहाँ तक कि (प्रभागीय वन अधिकारी) तक को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें 'आज-कल' कहकर टाल दिया जाता है। धानीराम का कहना है कि मजदूर उन्हें शक की निगाह से देख रहे हैं कि शायद उन्होंने पैसा खा लिया है, जबकि सच्चाई यह है कि भुगतान विभाग की तरफ से अटका हुआ है।
एक अन्य मजदूर ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उनके घर में खाने के लिए चावल तक नहीं है और न ही पहनने के लिए नए कपड़े। दुर्गा पूजा का समय है और सभी को मजदूरी की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले बीट गार्ड ने काम के लिए बुलाया था, लेकिन अब न डिप्टी रेंजर और न ही रेंजर भुगतान के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं।
वहीं, पश्चिम वनपरिक्षेत्र बांदे के नए रेंजर विजय पटनायक ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यह भुगतान मार्च का है और राशि सीधे (भारतीय रिजर्व बैंक) से आती है। उन्होंने बताया कि (मुख्य वन संरक्षक) कार्यालय तक पैसा आ चुका है, लेकिन साहब का तबादला होने के कारण इसमें कुछ देरी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दो दिनों की छुट्टी के बाद अगले 3 से 4 दिनों में सभी मजदूरों का भुगतान कर दिया जाएगा।
मजदूरों ने जल्द से जल्द अपना बकाया भुगतान करने की मांग की है ताकि वे त्योहारी सीजन में अपने परिवारों की जरूरतों को पूरा कर सकें।