प्रोफेशनल्स ने चंडीगढ़ में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय की मांग की
करमजीत परवाना,
चंडीगढ़। उत्तर भारत के प्रोफेशनल्स और कॉर्पोरेट स्टेकहोल्डर्स ने भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) से संयुक्त रूप से चंडीगढ़ में एक क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय स्थापित करने की अपील की है। लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है कि चंडीगढ़ में क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय बनने से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, लद्दाख और जम्मू और कश्मीर के बिजनेस और रेगुलेटरी एन्वायरमेंट को बड़ा लाभ मिलेगा। यह कार्यालय कंपनीज एक्ट के तहत आफेंसेज की कंपाउंडिंग, विलय व पुनर्गठन की स्वीकृति तथा न्यायनिर्णयन प्रक्रियाओं जैसे विषयों को देखेगा। इससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा और व्यावसायिक संचालन अधिक सुगम होगा।इस पहल के प्रमुख सूत्रधार सीएस राहुल जोगी ने कहा कि चंडीगढ़ में क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय की स्थापना पेशेवरों, विशेष रूप से कंपनी सेक्रेट्रीज के लिए असीम संभावनाएं खोलेगी। यह कार्यालय विलयों, आफेंसेज की कंपाउंडिंग और न्यायिक अधिकार क्षेत्र के साथ, क्षेत्रीय व्यावसायिक और कॉर्पोरेट परिवेश को उल्लेखनीय रूप से समृद्ध करेगा। इस मांग को और अधिक बल देते हुए, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने भी इस संबंध में एक औपचारिक प्रस्तुति मंत्रालय को दी है। चैंबर ने कहा कि इस कार्यालय की स्थापना से क्षेत्र में नीतिगत पहुंच और व्यापारिक सुविधा में सुधार होगा, साथ ही यह एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन सिद्ध होगा, जो पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में औद्योगिक विकास की रीढ़ है।
यह मांग चंडीगढ़ में पहले से मौजूद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और एनसीएलटी पीठ, ऋण वसूली न्यायाधिकरण जैसी संस्थागत सुविधाओं के समर्थन में की जा रही है, जो इसे मंत्रालय के कार्यों के विकेंद्रीकरण के लिए एक उपयुक्त केंद्र बनाते हैं। यह पहल उत्तर भारत में नियामक समानता, अनुपालन में आसानी, और सुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावी कदम हो सकता है।