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इटावा/जसवंतनगर: एक बार फिर खाद आते ही किसानों का उमड़ा हुजूम, किसानों ने कहाँ अन्य सामान ना दिया जाए।

 संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270

  मनोज कुमार जसवंतनगर

जसवंतनगर में सहकारी समितियों और खाद केंद्रों पर खाद वितरण पर किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें खाद के साथ अनावश्यक सामान जैसे नैनो, गेहूं के बीज और अन्य वस्तुएं लेने की मजबूरी हो रही है। इससे किसानों में नाराजगी और असंतोष बढ़ता जा रहा है, क्योंकि उन्हें उनकी आवश्यक खाद तो नहीं मिल रही है, लेकिन अनावश्यक चीजों को लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

डीएपी की जगह टीएसपी और एमपीके खाद दी जा रही है

किसानों का कहना है कि उन्हें डीएपी खाद की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय उन्हें दूसरी कंपनियों की टीएसपी और एमपीके खाद दी जा रही है, जो उनकी फसलों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जा रही हैं। यह खाद खेतों की मिट्टी और फसल की गुणवत्ता के हिसाब से प्रभावी नहीं हैं, और इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।


अनिवार्य गेहूं के बीज की बोरी लेना परेशानी का कारण

इसके अलावा, सरकार की नई व्यवस्था के तहत गेहूं के बीज की बोरी को अनिवार्य कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि वे गेहूं के बीज नहीं खरीदना चाहते थे, लेकिन सरकार के आदेश के कारण यह बीज खरीदना उनके लिए अनिवार्य हो गया है। यह न केवल किसानों के लिए एक अतिरिक्त बोझ बन गया है, बल्कि उनके समय और पैसे की भी बर्बादी हो रही है। किसान जो केवल खाद लेना चाहते थे, उन्हें मजबूरन अन्य चीजें भी खरीदनी पड़ रही हैं।

लंबी लाइनों में समय की बर्बादी और परेशानियां

नगद खाद देने वाली समितियों पर भारी भीड़ देखी जा रही है, जिसमें किसानों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं। लंबी कतारों और इंतजार के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। वहीं, जिन समितियों पर किसानों के खाते हैं, वहां भीड़ कम देखने को मिल रही है, जबकि किसानों को वहां पर भी खाद मिलनी चाहिए थी।


सिर्फ खाद दी जाए और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए

किसान अपनी परेशानियों को लेकर प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उन्हें सिर्फ खाद दी जाए, न कि अन्य सामान। वे चाहते हैं कि खाद की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए, ताकि उनकी फसलों को सही पोषण मिल सके। किसानों का कहना है कि इस प्रक्रिया में उनकी मेहनत और संसाधन का सही इस्तेमाल हो, ताकि वे बेहतर उत्पादन कर सकें। किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए, ताकि वे अपनी जरूरत की खाद बिना किसी रुकावट के प्राप्त कर सकें ।

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